State

एम्स भोपाल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग को 83 नैदानिक परीक्षणों के लिए मिली एनएबीएल मान्यता, नैदानिक सेवाओं में बढ़ेगी विश्वसनीयता

भोपाल: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (NABL) से 83 नैदानिक परीक्षणों के लिए प्रत्यायन प्राप्त कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह सफलता एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में मिली है।

संक्रामक रोगों के निदान में होगी बड़ी मदद

इस प्रत्यायन के तहत विभिन्न संक्रामक रोगों के निदान के लिए आवश्यक व्यापक माइक्रोबायोलॉजिकल परीक्षण शामिल हैं। यह उपलब्धि 2023 में क्षेत्रीय वायरोलॉजी प्रयोगशाला को मिली एनएबीएल मान्यता के बाद आई है, जिसने ISO 15189:2022 मानकों के तहत भारत की पहली प्रमाणित वायरोलॉजी लैब बनने का गौरव प्राप्त किया था।

एम्स भोपाल की नैदानिक सेवाओं में नई ऊंचाई

एम्स भोपाल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग को इतनी विस्तृत माइक्रोबायोलॉजिकल परीक्षण श्रृंखला के लिए एनएबीएल प्रत्यायन मिलना भारत में एक दुर्लभ उपलब्धि मानी जा रही है। यह संस्थान की नैदानिक सेवाओं में उत्कृष्टता और सटीकता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक का बयान

इस उपलब्धि पर एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा,
“83 नैदानिक परीक्षणों के लिए एनएबीएल प्रत्यायन, माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा गुणवत्ता और सटीकता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए किए गए निरंतर प्रयासों का प्रमाण है। इससे न केवल रोगियों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं का विश्वास बढ़ेगा, बल्कि संक्रामक रोगों के सटीक और समय पर निदान में भी मदद मिलेगी।”


एम्स भोपाल की नैदानिक सेवाओं में सुधार

यह उपलब्धि एम्स भोपाल को भारत के अग्रणी चिकित्सा संस्थानों की सूची में और मजबूती से स्थापित करती है, जिससे मरीजों को विश्वसनीय और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हो सकेंगी।

Related Articles