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नंदीश्वर जिनालय समिति ने आचार्य विनम्र सागर महाराज को चातुर्मास हेतु श्रीफल भेंट किया

भोपाल | नंदीश्वर जिनालय समिति ने आचार्य विनम्र सागर जी महाराज को चातुर्मास हेतु श्रीफल भेंट किया। इस अवसर पर आचार्य विनम्र सागर जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा, “अपने अंदर मानवता को प्रतिस्थापित करना ही धर्म का मूल लक्ष्य है। मानव जीवन परस्पर दया, करुणा और प्रेम पर आधारित है।” उन्होंने मानव के मूल गुणों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मनुष्य को विनम्र होना अत्यंत आवश्यक है। जीवन की जटिलता छल कपट से होती है जबकि सरलता अंतःकरण की निर्मलता से आती है।

धर्म सभा के पूर्व, आचार्य विद्यासागर महाराज, आचार्य विराग सागर महाराज, और आचार्य विशुद्ध सागर महाराज के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित किया गया। प्रवक्ता अंशुल जैन ने बताया कि आचार्य संघ के कर कमलों में शास्त्र भेंट किए गए। इस अवसर पर नंदीश्वर जिनालय समिति के अध्यक्ष एडवोकेट विजय चौधरी के नेतृत्व में चातुर्मास हेतु आचार्य संघ को श्रीफल भेंट किया गया।

इस कार्यक्रम में प्रमोद चौधरी, एडवोकेट पंकज इंजीनियर, डॉ. सर्वज्ञ जैन, विवेक चौधरी, राजीव गेहूं, नील चौधरी, राकेश सलामतपुर, मनोज बबलू, सोनू भाभा, निर्मल जैन मुनीम, शीलचंद लचकिया, सुनील पब्लिशर, इंजीनियर सौरभ जैन, संतोष जैन, पदम जैन, पुष्पेंद्र जैन, राकेश मामा, आलोक जैन, पंकज जैन और जीतू सिलवानी आदि मौजूद थे।

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