भिंड जिले के मौ स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही: 3 घंटे तक एंबुलेंस में पड़े रहे जच्चा-बच्चा, डॉक्टरों ने नहीं की कोई व्यवस्था

भिंड: मौ के शासकीय स्वास्थ्य केंद्र में प्रसूति महिला के उपचार में लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। अस्पताल में सुविधाओं की कमी और एंबुलेंस प्रबंधन की विफलता के कारण जच्चा-बच्चा को 3 घंटे तक एंबुलेंस में लेटे रहना पड़ा। इस दौरान कोई भी डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी मदद के लिए नहीं पहुंचा, जिससे बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी रही।

रातभर एंबुलेंस में पड़ा रहा नवजात, डॉक्टरों ने नहीं की व्यवस्था
पुष्पा देवी, पत्नी दिलीप सिंह, ने रात 1:06 बजे मौ के स्वास्थ्य केंद्र में एक लड़के को जन्म दिया। लेकिन जन्म के बाद बच्चा रो नहीं रहा था, जिसके चलते डॉक्टरों ने तुरंत ग्वालियर रेफर कर दिया। हालांकि, अस्पताल से ग्वालियर भेजने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई, और एंबुलेंस का चालक भी समय पर उपलब्ध नहीं था।

स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल
सुबह 3 बजे से जच्चा और बच्चा एंबुलेंस में ही पड़े रहे, लेकिन किसी डॉक्टर ने उनकी सुध नहीं ली। इस लापरवाही ने भिंड जिले के स्वास्थ्य केंद्रों और एंबुलेंस संचालन की खामियों को उजागर कर दिया है। यदि कोई गंभीर घटना होती, तो इसका जिम्मेदार कौन होता?

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की जरूरत
भिंड जिले की जनता में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है। मूलभूत सुविधाओं में स्वास्थ्य सेवाएं सर्वोपरि हैं, लेकिन मौ जैसे क्षेत्रों में लचर व्यवस्थाएं लोगों की जान को जोखिम में डाल रही हैं। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से तत्काल सुधार और जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।

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