भोपाल। एम्स भोपाल ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सफलतापूर्वक आठवां किडनी ट्रांसप्लांट कर एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। एंड-स्टेज किडनी डिजीज से जूझ रहे 25 वर्षीय मरीज को उसके बड़े भाई ने जीवनदायी उपहार देते हुए किडनी दान की।
मुख्य बिंदु:
एम्स भोपाल की उपलब्धि: प्रो. अजय सिंह के नेतृत्व में संस्थान ने 8वां सफल गुर्दा प्रत्यारोपण किया।
लाभार्थी की स्थिति: मरीज तीन साल से किडनी रोग से ग्रस्त था और डेढ़ साल से डायलिसिस पर था।
भाई बना जीवनदाता: 31 वर्षीय बड़े भाई ने अपनी किडनी दान कर मरीज को नई जिंदगी दी।
उन्नत चिकित्सा तकनीक: लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के माध्यम से न्यूनतम चीरे के साथ किडनी निकाली गई, जिससे तेजी से रिकवरी हुई।
आयुष्मान भारत योजना का लाभ: ट्रांसप्लांट का पूरा खर्च आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत हुआ, जिससे मरीज को उच्च स्तरीय इलाज बिना आर्थिक बोझ के मिला।
डॉक्टरों की विशेषज्ञ टीम:
नेफ्रोलॉजी विभाग: डॉ. महेंद्र अटलानी
यूरोलॉजी टीम: डॉ. देवाशीष कौशल, डॉ. कुमार माधवन, डॉ. केतन मेहरा, डॉ. निकिता श्रीवास्तव
एनेस्थीसिया टीम: डॉ. वैशाली वेंडेसकर, डॉ. सुनैना तेजपाल कर्ण, डॉ. शिखा जैन
एम्स भोपाल अपने अंग प्रत्यारोपण कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए मरीजों को उन्नत चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के मिशन पर लगातार कार्यरत है।
एम्स भोपाल में 8वां किडनी प्रत्यारोपण: आयुष्मान भारत योजना के तहत मिली नई जिंदगी
