इंदौर। नेशनल एडुकेशन यूथ यूनियन (NEYU) के बैनर तले पिछले चार दिनों से चल रहा मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) भर्ती प्रक्रिया में सुधार और अन्य मांगों को लेकर आंदोलन शनिवार देर रात समाप्त हो गया। धरना स्थल पर कलेक्टर आशीष सिंह और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ प्रदर्शनकारियों की लंबी बातचीत के बाद आंदोलन को खत्म करने का निर्णय लिया गया।
आंदोलन की मुख्य बातें:
MPPSC भर्ती प्रक्रिया में सुधार की मांग को लेकर प्रदेशभर से 2,000 से अधिक छात्र आंदोलन में शामिल हुए।
प्रदर्शन के दौरान अरविंद सिंह सिद्दीकी और राधे जाट ने आमरण अनशन शुरू किया था।
शनिवार देर रात अनशन पर बैठे अरविंद सिंह की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें मेडिकल टीम ने उपचार दिया।
कैसे समाप्त हुआ आंदोलन?
शनिवार रात करीब 10 बजे प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की।
आधी रात के बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने आंदोलन स्थल पर पहुंचकर छात्रों को उनकी मांगों पर सहमति का भरोसा दिलाया।
सुबह 5 बजे प्रदर्शनकारियों ने आंदोलन समाप्त कर दिया।
इसके बाद छात्र प्रतिनिधियों ने भोपाल में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात की।
छात्रों की मुख्य मांगें:
1. MPPSC भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना।
2. परीक्षाओं के परिणामों की समय पर घोषणा।
3. अनियमितताओं को रोकने के लिए त्वरित सुधार।
पुलिस बल की तैनाती
धरना स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।
प्रशासन ने आंदोलनकारियों को शांतिपूर्ण तरीके से समझाने की कोशिश की।
पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद आंदोलन के दौरान किसी तरह की हिंसा या अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली।
आंदोलन की सफलता और आगे की योजना
छात्रों की कुछ मांगों पर आयोग ने सहमति जताई है।
जल्द ही MPPSC सुधारों को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की जाएगी।
छात्र प्रतिनिधि ने कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे दोबारा आंदोलन शुरू करेंगे।
निष्कर्ष: MPPSC भर्ती प्रक्रिया में सुधार की मांगों को लेकर NEYU का यह आंदोलन प्रदेशभर के छात्रों के लिए एक प्रेरणा बना। प्रशासन की सहमति से आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त हुआ, लेकिन छात्रों ने स्पष्ट किया है कि अगर मांगे पूरी नहीं हुईं, तो वे भविष्य में दोबारा आंदोलन करेंगे।