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बीएचयू में चंदन के सात पेड़ अवैध रूप से काटे जाने का खुलासा, एनजीटी करेगी सुनवाई

वाराणसी: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में अवैध रूप से पेड़ों की कटाई का गंभीर मामला सामने आया है। हाल ही में पर्यावरण मंत्रालय के निर्देश पर वन विभाग की टीम ने परिसर में जांच की, जिसमें चंदन के सात पेड़ों सहित विभिन्न प्रजातियों के कुल 26 पेड़ बिना अनुमति के काटे जाने की पुष्टि हुई है। इस मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पहले भी विश्वविद्यालय प्रशासन से जवाब मांगा था, लेकिन संतोषजनक उत्तर न मिलने पर अब सुनवाई नवंबर में होगी।

पेड़ों की अवैध कटाई से जुड़ी शिकायतें

बीएचयू में पेड़ों की कटाई को लेकर पहले भी कई शिकायतें नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भेजी जा चुकी हैं। कुछ वर्षों पहले भी साखू और सागवान के हरे-भरे पेड़ों की कटाई पर आपत्ति दर्ज कराई गई थी, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

वन विभाग की जांच में खुलासा

गुरुवार को वन विभाग की टीम ने बीएचयू परिसर में जांच की। टीम में उप महानिरीक्षक डॉ. प्राची गंगवार, डीएफओ स्वाती, और वन संरक्षण एवं क्षेत्रीय निदेशक डॉ. रवि सिंह शामिल थे। टीम ने द्रव्य गुण विभाग, हॉस्टल रोड, आवास मार्ग और नए निर्माण स्थलों पर गहन जांच की।

टीम ने पाया कि द्रव्य गुण विभाग से चंदन के सात पेड़ अवैध रूप से काटे गए हैं, जिनमें से 2018 में दो और 2023 में तीन पेड़ों की कटाई की गई। बाकी दो पेड़ों से जुड़ी जानकारी नहीं मिल पाई है। उद्यान विभाग के कार्यालय में भी कई घंटे फाइलों की छानबीन की गई, लेकिन पेड़ों की कटाई से जुड़ी संतोषजनक जानकारी नहीं मिली।

प्रोक्टोरियल बोर्ड की शिकायत भी अधूरी

वन विभाग ने बीएचयू के प्रोक्टोरियल बोर्ड द्वारा दर्ज की गई शिकायतों का भी विश्लेषण किया। शिकायतों में कीमती पेड़ों की चोरी की बात कही गई थी, लेकिन इन्हें भी अधूरा और असंतोषजनक पाया गया।

एनजीटी में होगी सुनवाई, मंत्रालय को सौंपी जाएगी रिपोर्ट

टीम अब अपनी जांच रिपोर्ट वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को सौंपेगी। मामले की सुनवाई नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में नवंबर में होगी, जिसमें बीएचयू प्रशासन को कटाई से जुड़े सवालों के जवाब देने होंगे।




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