भोपाल। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत भोपाल के कलेक्टर श्री कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने ‘निक्षय मित्र’ के रूप में पंजीकरण कर 5 टीबी मरीजों को गोद लिया है। उन्होंने इन मरीजों को 6 माह की उपचार अवधि के दौरान हर महीने पोषण आहार प्रदान करने की जिम्मेदारी ली है। इस अवसर पर टीएल बैठक में उन्होंने अधिकारियों को प्रोत्साहित करने के लिए सांकेतिक रूप से एक मरीज को फूड बास्केट भी प्रदान किया।
नागरिक बन सकते हैं ‘निक्षय मित्र’
‘निक्षय मित्र’ बनने की प्रक्रिया सरल है। इच्छुक नागरिक communitysupport.nikshay.in पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं। इसके अलावा, भोपाल के विभिन्न सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों जैसे एम्स, जयप्रकाश जिला चिकित्सालय, टीबी अस्पताल और अन्य स्थानों पर भी रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है।
फूड बास्केट में क्या मिलता है?
टीबी मरीजों को उच्च प्रोटीन युक्त फूड बास्केट प्रदान की जाती है, जिसमें 3 किलो आटा, 3 किलो तुअर दाल, 1 लीटर मूंगफली तेल, 1 किलो गुड़, मूंगफली चिक्की, और 1 किलो रोस्टेड चना शामिल हैं। सामाजिक संस्थाओं और जनसहयोग से यह फूड बास्केट समय-समय पर प्रदान की जा रही हैं।
कलेक्टर की अपील
कलेक्टर श्री सिंह ने कहा, “प्रधानमंत्री के आह्वान पर हर सक्षम नागरिक को इस अभियान में जुड़ना चाहिए। भोपाल जिले में टीबी उन्मूलन के लिए सभी स्तरों पर प्रयास हो रहे हैं। सभी विभागीय अधिकारी और कर्मचारी स्वेच्छा से इस जनभागीदारी अभियान में शामिल हों।”
2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाना प्रधानमंत्री का लक्ष्य है। इसके तहत नए मरीजों की पहचान, पूर्ण उपचार, और सपोर्ट सिस्टम को मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है। सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल 2030 के तहत टीबी से होने वाली मौतों को 90% और नए मामलों को 80% तक कम करने का लक्ष्य है।
टीबी मरीजों को आर्थिक सहायता
सरकार मरीजों को उपचार अवधि के दौरान हर महीने ₹1000 की आर्थिक सहायता सीधे बैंक खातों में प्रदान कर रही है। इस अभियान में जन्मदिन, सालगिरह, या अन्य विशेष दिनों को यादगार बनाने के लिए लोग टीबी मरीजों को गोद लेकर पोषण आहार प्रदान कर सकते हैं।
निक्षय मित्र बनें और टीबी मुक्त भारत के निर्माण में अपना योगदान दें।