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मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल में विवादित रजिस्ट्रार की नियुक्ति, एनएसयूआई ने उठाए सवाल

भोपाल: मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल में रजिस्ट्रार पद पर नियुक्ति को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने सरकार पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि हाईकोर्ट के निर्देशों के बावजूद नर्सिंग काउंसिल में योग्य और स्वच्छ छवि के अधिकारी की नियुक्ति नहीं की गई। इसके बजाय विवादों में घिरे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के अधिकारी कृष्ण कुमार रावत को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।

रावत पर गंभीर आरोप
रवि परमार ने आरोप लगाया कि केके रावत पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कई गंभीर आरोप लंबित हैं, जिनमें पेपर लीक, फर्जी नियुक्तियाँ, वित्तीय अनियमितताएँ और भ्रष्टाचार शामिल हैं। परमार का कहना है कि इस नियुक्ति से नर्सिंग क्षेत्र के साथ अन्याय हुआ है और यह सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है।

सरकार पर निशाना
रवि परमार ने पूछा, “क्या पूरे प्रशासनिक तंत्र में एक भी योग्य और ईमानदार अधिकारी नहीं मिल रहा है? क्या भ्रष्टाचार इतना गहरा हो चुका है कि सरकार को विवादित अधिकारियों पर निर्भर रहना पड़ रहा है?”

एनएसयूआई की मांग और चेतावनी
एनएसयूआई ने मांग की है कि कृष्ण कुमार रावत की नियुक्ति को तुरंत रद्द किया जाए और नर्सिंग काउंसिल में एक योग्य और निष्पक्ष अधिकारी की नियुक्ति की जाए। परमार ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने इस नियुक्ति को वापस नहीं लिया, तो एनएसयूआई नर्सिंग क्षेत्र में न्याय के लिए आंदोलन शुरू करेगी।

नर्सिंग क्षेत्र में बढ़ता विवाद
यह मामला नर्सिंग काउंसिल में पारदर्शिता और स्वच्छ प्रशासन की आवश्यकता को फिर से उजागर करता है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस विवाद को कैसे सुलझाती है।

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