भोपाल एम्स की 14वीं गवर्निंग बॉडी के सभी निर्णयों पर रोक लगाने और डायरेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग*
भोपाल – अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में बढ़ती गड़बड़ियों को लेकर एनएसयूआई नेता रवि परमार ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री को एक शिकायत पत्र लिखा है। इस पत्र में परमार ने एम्स भोपाल के डायरेक्टर अजय सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें भ्रष्टाचार और लापरवाही शामिल हैं।
परमार ने पत्र में आरोप लगाया कि मई 2024 में एम्स भोपाल की 14वीं गवर्निंग बॉडी की बैठक में डायरेक्टर ने राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के भ्रष्टाचार में लिप्त पूर्व कुलपति प्रोफेसर सुनिल कुमार को शामिल किया। जबकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 14 मई 2024 को एक राजपत्र जारी कर प्रो. सुनिल कुमार को हटाकर, उनकी जगह डॉ. अशोक खंडेलवाल को गवर्निंग बॉडी का सदस्य नियुक्त किया था। बावजूद इसके, डायरेक्टर ने करोड़ों रुपए के घोटाले के आरोपी प्रो. सुनिल कुमार को मीटिंग में शामिल किया, जिससे एम्स भोपाल में भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े के आरोप और बढ़ गए हैं।
**भोपाल एम्स में भ्रष्टाचार की शिकायत, गवर्निंग बॉडी के फैसलों पर रोक की मांग**
रवि परमार ने एम्स की गवर्निंग बॉडी को एक महत्वपूर्ण इकाई बताया, जो वित्तीय और अन्य प्रमुख निर्णयों में अहम भूमिका निभाती है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से मांग की है कि भोपाल एम्स की 14वीं गवर्निंग बॉडी के सभी निर्णयों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए और डायरेक्टर अजय सिंह के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
परमार ने आरोप लगाया कि एम्स भोपाल धीरे-धीरे भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े का केंद्र बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति को रोकने के लिए जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि संस्थान की विश्वसनीयता और सेवाओं की गुणवत्ता बनाए रखी जा सके।