State

NSUI ने VIT विश्वविद्यालय के खिलाफ मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, किसानों की जमीन और रास्तों पर अवैध कब्जे का लगाया आरोप

भोपाल। किसानों की जमीन और खेतों तक जाने वाले रास्तों पर अवैध कब्जे के विरोध में नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में वीआईटी विश्वविद्यालय की कार्यशैली और कुलपति की कार्यक्षमता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। परमार ने पत्र के माध्यम से विश्वविद्यालय प्रशासन पर किसानों के मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया है और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

गवाखेड़ा रोड से लेकर लसूडिया और छापरी मार्ग तक अवैध कब्जे का आरोप

पत्र में रवि परमार ने उल्लेख किया है कि लगभग 200 किसानों के खेतों तक पहुंचने वाले गवाखेड़ा रोड से ग्राम लसूडिया और छापरी मार्ग तक के महत्वपूर्ण रास्तों पर वीआईटी विश्वविद्यालय द्वारा जबरन कब्जा किया गया है। इस अवैध कब्जे के कारण किसानों को अपने खेतों तक पहुँचने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यह रास्ता वर्षों से कृषि कार्यों के लिए इस्तेमाल होता आ रहा है, और इसे बंद करने से किसानों की आजीविका पर खतरा पैदा हो गया है।

शासकीय नाले पर अवैध निर्माण और प्रदूषण का आरोप

पत्र में आगे बताया गया है कि विश्वविद्यालय ने शासकीय नाले क्रमांक 1176/5 पर अवैध निर्माण कर उसमें सीवेज का गंदा पानी खेतों में छोड़ा जा रहा है, जिससे किसानों की फसल और जमीन की उर्वरता को नुकसान हो रहा है। इससे इलाके में जल प्रदूषण का भी खतरा बढ़ गया है, जो किसानों के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी गंभीर चिंता का विषय है।

कम कीमत पर जमीन खरीदने का दबाव और किसानों का उत्पीड़न

पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा किसानों पर दबाव डालकर उनकी जमीनें औने-पौने दामों पर खरीदने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए किसानों को धमकाया और प्रताड़ित भी किया जा रहा है, जो उनके मौलिक अधिकारों का खुला उल्लंघन है। किसानों को उनकी जमीन से बेदखल करने के लिए जबरन रास्ते बंद करने जैसी अनियमितताओं का सहारा लिया जा रहा है।

कुलपति की कार्यप्रणाली पर सवाल और छात्रों की शिकायतें

रवि परमार ने अपने पत्र में विश्वविद्यालय के कुलपति की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। छात्रों और शिक्षकों ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता में गिरावट की शिकायत की है, लेकिन कुलपति इन समस्याओं को अनदेखा कर रहे हैं। परमार ने इस मामले में भी मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग की है, ताकि विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली में सुधार हो सके और शैक्षणिक वातावरण को बेहतर बनाया जा सके।

मुख्य मांगें:

1. अवैध कब्जे हटाए जाएं: विश्वविद्यालय द्वारा किए गए सभी अवैध कब्जों की त्वरित जांच कर इन्हें तुरंत हटाया जाए।


2. शासकीय नाले से अवैध निर्माण हटाया जाए: शासकीय नाले पर किए गए अवैध निर्माण को हटाकर क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त किया जाए।


3. किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित हो: किसानों को धमकाने और प्रताड़ित करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।


4. कुलपति की कार्यप्रणाली की समीक्षा हो: विश्वविद्यालय के कुलपति की कार्यशैली और प्रशासनिक अनियमितताओं की समीक्षा कर सुधारात्मक कदम उठाए जाएं।



मुख्यमंत्री से त्वरित और निष्पक्ष जांच की मांग

रवि परमार ने मुख्यमंत्री से इस मामले की त्वरित और निष्पक्ष जांच की मांग की है, ताकि किसानों के अधिकारों की रक्षा हो सके और विश्वविद्यालय की अनियमितताओं पर अंकुश लगाया जा सके। साथ ही, छात्रों के शैक्षणिक हितों की भी सुरक्षा की जा सके।

(भोपाल से रिपोर्ट)

Related Articles