भोपाल । पश्चिम मध्य रेलवे के रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने रेलवे टिकटों की अवैध बुकिंग और टिकट कालाबाजारी पर कड़ा शिकंजा कसते हुए बड़ी कार्रवाई की है। यह अभियान भारतीय रेलवे के “ऑपरेशन उपलब्ध” के तहत चलाया गया, जिसका उद्देश्य यात्रियों को पारदर्शी, सुरक्षित और वैध टिकट प्रणाली प्रदान करना है।
रेलवे सुरक्षा बल ने जनवरी 2025 से 15 अप्रैल 2025 तक की अवधि में रेलवे एक्ट की धारा 143 के अंतर्गत 13 प्रकरण दर्ज किए और 14 टिकट दलालों को गिरफ्तार किया। इन आरोपियों के पास से ₹16,08,371 मूल्य के अवैध रेल टिकट जब्त किए गए, जिनका उपयोग ई-टिकट की कालाबाजारी में किया जा रहा था।
क्या है रेलवे एक्ट की धारा 143?
भारतीय रेलवे अधिनियम की यह धारा उन व्यक्तियों या एजेंसियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की अनुमति देती है जो रेलवे टिकटों का अवैध व्यापार, अधिक कीमतों पर बिक्री या बिना लाइसेंस के बुकिंग करते हैं। इस धारा के तहत दोषियों को जुर्माना और जेल, दोनों की सजा हो सकती है।
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कार्रवाई के प्रमुख बिंदु:
कानूनी शिकंजा: आरपीएफ द्वारा दर्ज मामलों में शामिल टिकट दलालों पर कानून के तहत जुर्माना और दंड की कार्रवाई की जा रही है।
अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण: रेलवे सुरक्षा बल की यह कार्रवाई रेलवे टिकटों की अवैध बुकिंग और कालाबाजारी पर रोक लगाने की दिशा में निर्णायक कदम है।
यात्रियों को चेतावनी: रेलवे ने आम यात्रियों से अपील की है कि वे टिकट हमेशा अधिकृत रेलवे काउंटर या IRCTC जैसे सरकारी प्लेटफॉर्म्स से ही बुक करें।
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रेलवे की अपील:
रेलवे प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अवैध रूप से खरीदे गए टिकटों से यात्रा करना अपराध की श्रेणी में आता है और इससे न केवल यात्रा रद्द हो सकती है, बल्कि कानूनी कार्रवाई भी संभव है। यात्रियों को फर्जी एजेंटों या साइबर कैफे के झांसे में न आने की सलाह दी गई है।
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निष्कर्ष:
रेलवे टिकट दलालों के खिलाफ आरपीएफ की यह सख्त कार्रवाई रेलवे सुरक्षा, यात्रा पारदर्शिता और सार्वजनिक सेवा के हित में उठाया गया अहम कदम है। ऑपरेशन उपलब्ध अभियान के अंतर्गत की गई ये कार्रवाइयाँ भविष्य में टिकट दलाली जैसी अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने में कारगर साबित होंगी।
ऑपरेशन उपलब्ध: रेलवे टिकट दलालों के खिलाफ आरपीएफ की बड़ी कार्रवाई, लाखों की अवैध टिकट जब्त
