गोहद। डांग पहाड़ इलाके में खदान माफिया हरपाल सिंह उर्फ बिचौला तोमर के अवैध खनन और धमकियों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। एसडीएम गोहद ने हरपाल तोमर पर ₹4.54 करोड़ की रिकवरी का आदेश जारी किया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। ग्रामीणों का आरोप है कि हरपाल तोमर अपनी अवैध गतिविधियों के लिए हथियारबंद लोगों का सहारा लेता है और धमकियां देता है।
ग्रामीणों का आरोप: पुलिस और प्रशासन की लापरवाही
ग्रामीणों ने बताया कि हरपाल तोमर दिन-रात खदानों में अवैध ब्लास्टिंग करता है, जिससे इलाके में भय और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। खदान के आसपास शासकीय स्कूल, आंगनवाड़ी और रिहायशी इलाका होने के बावजूद सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है।
माइनिंग अधिकारी पर भी गंभीर आरोप
शिकायतकर्ताओं ने माइनिंग अधिकारी संजय धाकड़ पर खदान माफिया से मिलीभगत के आरोप लगाए हैं। आरोप है कि बिना सायरन और सुरक्षा उपकरणों के खनन कार्य किया जा रहा है, जिससे इंसानों और पशुओं की जान पर खतरा मंडरा रहा है।
आदिवासी क्षेत्र का दुरुपयोग
ग्रामीणों ने खुलासा किया कि हरपाल सिंह तोमर और उनके भाई किशनपाल सिंह ने बबीता आदिवासी के नाम पर खदान की स्वीकृति हासिल की है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्व अधिकारियों से सांठगांठ करके आदिवासी क्षेत्र में खनन की मंजूरी ली गई है, जो पूरी तरह अवैध है।
कब्रिस्तान की जमीन पर कब्जा
डांग पहाड़ क्षेत्र के सर्वे नंबर 1181/763 में दर्ज कब्रिस्तान की जमीन पर भी खदान माफिया ने कब्जा कर लिया है। ओवरलोड वाहनों के लिए निजी सड़क बनाने के लिए इस जमीन का उपयोग किया जा रहा है। ग्रामीणों ने सीमांकन करवाकर कब्रिस्तान की तारबंदी की थी, लेकिन खदान माफिया ने राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से इसे तोड़ दिया।
ग्रामीणों में आक्रोश, कार्रवाई की मांग
इस घटनाक्रम से समाज के विशेष वर्गों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों ने कलेक्टर और एसपी से शिकायत कर खदान माफिया और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। मामला न्यायालय में भी ले जाने की तैयारी हो रही है।