भोपाल । मध्य प्रदेश के डेढ़ लाख संविदा कर्मचारियों के लिए श्रम न्यायालय का ऐतिहासिक निर्णय राहत लेकर आया है। 17 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त शिक्षिका को ब्याज सहित ग्रेच्युटी देने के आदेश दिए गए हैं, जिससे प्रदेशभर के संविदा कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा।
क्या है मामला?
रतलाम के समग्र शिक्षा अभियान में सहायक वार्डन श्रीमती ज्योति नाडकर 17 वर्षों तक सेवाएं देने के बाद जून 2023 में सेवानिवृत्त हुईं। लेकिन नियमित कर्मचारियों की तरह ग्रेच्युटी नहीं दी गई। जब संबंधित कार्यालय से कोई समाधान नहीं मिला, तो संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर के मार्गदर्शन में उन्होंने श्रम न्यायालय में याचिका दायर की।
कोर्ट का फैसला:
श्रम न्यायालय ने निर्णय सुनाते हुए ₹2,26,950 की ग्रेच्युटी और 17 महीनों की देरी पर 10% ब्याज (₹32,150) सहित भुगतान का आदेश जारी किया।
फैसले का असर:
मध्य प्रदेश के 1.5 लाख संविदा कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
अब संविदा कर्मचारियों को भी ग्रेच्युटी मिलने का रास्ता साफ।
सरकारी नीतियों को पूरी तरह लागू कराने का दबाव बढ़ेगा।
संविदा नीति और प्रशासनिक लापरवाही
प्रदेश में 22 जुलाई 2023 को संविदा नीति लागू हुई, जिसमें संविदा कर्मचारियों को ग्रेच्युटी और अनुकंपा नियुक्ति का अधिकार दिया गया। लेकिन राज्य शिक्षा केंद्र ने अभी तक जिलों को आधिकारिक निर्देश जारी नहीं किए, जिससे कर्मचारियों को न्यायालय की शरण में जाना पड़ रहा है।
संविदा कर्मचारियों के हक की लड़ाई जारी:
संविदा कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा कि छठा-सातवां वेतनमान, ईपीएफ कटौती, प्रसूति अवकाश, अनुकंपा नियुक्ति और ग्रेच्युटी जैसे अधिकार संविदा कर्मचारियों को दिलाने में महासंघ ने अहम भूमिका निभाई है।
संविदा कर्मचारियों के लिए यह फैसला मील का पत्थर साबित होगा!
संविदा कर्मचारियों के लिए बड़ी जीत: कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, ब्याज सहित ग्रेच्युटी देने के आदेश
