भोपाल: मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने आज मुख्य सचिव को स्थाई कर्मियों की प्रमुख पांच सूत्रीय मांगों का एक ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस ज्ञापन में, प्रदेश के 48 हजार स्थाई कर्मियों की लंबित मांगों को उठाया गया है, जिन्हें सरकार ने पिछले 8 वर्षों से अनदेखा किया है।
प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि वर्ष 2016 में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाई कर्मी बनाने के बावजूद, उन्हें किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नहीं मिला है। इसके कारण, स्थाई कर्मियों का नौकरशाही शोषण हो रहा है।
मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने मुख्य सचिव से निम्नलिखित मांगें की हैं:
- स्थाई कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए।
- स्थाई कर्मियों के लिए स्थानांतरण नीति बनाई जाए।
- स्थाई कर्मियों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ दिया जाए।
- स्थाई कर्मियों को शासकीय कर्मचारियों के समान मेडिकल और अवकाश सुविधा दी जाए।
- स्थाई कर्मियों को सेवानिवृत होने पर 10 लाख रुपए की ग्रेजुटी दी जाए।
इस ज्ञापन के माध्यम से, कर्मचारी मंच ने सरकार से तत्काल कार्रवाई की अपेक्षा की है ताकि स्थाई कर्मियों की जायज मांगों को पूरा किया जा सके।