पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों की मुलाकात: रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने पर चर्चा

रियो डी जेनेरियो। जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच एक अहम द्विपक्षीय बैठक हुई। इस मुलाकात में भारत-फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने पर विस्तृत चर्चा की गई। दोनों नेताओं ने ‘होराइजन 2047 रोडमैप’ के तहत 2047 तक द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने का लक्ष्य तय किया।

प्रधानमंत्री मोदी का बयान

बैठक के बाद पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मिलना हमेशा खुशी की बात होती है। इस साल पेरिस ओलंपिक और पैरालंपिक की सफल मेजबानी के लिए उन्हें बधाई दी।” पीएम मोदी ने इस दौरान भारत और फ्रांस के बीच अंतरिक्ष, ऊर्जा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और अन्य भविष्य की प्रौद्योगिकियों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया।

उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देश आपसी संबंधों को गहरा करने और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए मिलकर काम करेंगे। उन्होंने राष्ट्रपति मैक्रों की भारत यात्रा को लेकर भी उत्साह व्यक्त किया, जब वह जनवरी 2025 में गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे।

राष्ट्रपति मैक्रों का संदेश

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी पीएम मोदी के साथ मुलाकात को खास बताया। उन्होंने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें दोनों नेताओं की गर्मजोशी से गले मिलने की झलक थी। पोस्ट में उन्होंने लिखा, “भारत के साथ हमारी साझेदारी समृद्ध और बहुआयामी है। हमने जनवरी में शुरू की गई पहलों और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर प्रगति की समीक्षा की।”

रणनीतिक क्षेत्रों में प्रगति

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में बताया कि दोनों नेताओं ने रक्षा, अंतरिक्ष और असैन्य परमाणु ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की प्रगति की सराहना की। इसके साथ ही, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और अन्य वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया गया।

बहुपक्षीय सुधारों पर जोर

दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बहुपक्षवाद को मजबूत करने और एक स्थिर अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था बनाने के लिए साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

साझेदारी की अहमियत

राष्ट्रपति मैक्रों ने पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत को एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति बताते हुए कहा कि दोनों देशों का सहयोग आने वाले वर्षों में अंतरराष्ट्रीय राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाएगा।

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