सवा लाख रुपये की वसूली, 4 क्विंटल तार खरीदवाया और फिर उसी की जब्ती दिखाकर बनाया अपराधी
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भले ही ‘सबका साथ, सबका विकास’ का वादा करते हों, लेकिन उनके गृह मंत्रालय के अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की मनमानी से आम जनता परेशान है। राज्य के गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी डॉ. यादव ने अपने पास रखी है, लेकिन विभागीय कार्यप्रणाली और पुलिसकर्मियों की गुंडागर्दी पर नजर नहीं डाल पा रहे हैं। इसका फायदा उठाकर पुलिसकर्मी निर्दोष नागरिकों को आरोपी बना रहे हैं। राजधानी भोपाल से सटे रायसेन जिले के मंडीदीप में हाल ही में ऐसा ही एक मामला सामने आया है।
मंडीदीप के व्यापारी मुजीब खान ने आरोप लगाया है कि सीहोर जिले के श्यामपुर थाने के उपनिरीक्षक रामबाबू राठौर और आरक्षक पवन राजपूत ने उनके कर्मचारियों को झूठे आरोपों में फंसा दिया। आरोप है कि इन पुलिसकर्मियों ने बिना किसी अपराध के उन्हें थाने में बंद किया और फिर 1 लाख 30 हजार रुपये की वसूली की। इसके बाद उन्हीं से जबरन 4 क्विंटल तार खरीदवाया और उसी की फर्जी जब्ती दिखा दी। यह मामला अंग्रेजों के ज़माने की याद दिलाता है, जब पुलिस अपनी शक्ति का दुरुपयोग करती थी।
मुजीब खान ने अपनी शिकायत में कहा कि श्यामपुर पुलिस ने 20 नवंबर को उनके कर्मचारी हैदर अली को अवैध रूप से गिरफ्तार कर लिया और उसे बुरी तरह पीटा। 21 नवंबर को जब हैदर थाने पहुंचे तो पुलिस ने उसे छोड़ दिया, लेकिन अब मुजीब पर दबाव डालकर उसे भी आरोपी बनाने की धमकी दी।
पुलिसकर्मी ने बाइक की डिग्गी में रखवाया रिश्वत का पैसा:
रामबाबू राठौर और पवन राजपूत ने मुजीब पर दबाव डाला कि वह बिजली का 5 क्विंटल तार खरीदकर उन्हें दे और एक वाहन भी जब्त करा दे। जब मुजीब ने 2 लाख रुपये देने में असमर्थता जताई, तो पुलिसकर्मियों ने 1 लाख 30 हजार रुपये की मांग की। मुजीब ने किसी तरह ये रुपये इरफान और मुन्ना खान के माध्यम से जुटाए और श्यामपुर थाने में रिश्वत दी। रिश्वत का पैसा उपनिरीक्षक राठौर ने बाइक की डिग्गी में लपेट कर लिया, और साक्षी के तौर पर मुश्ताक खान और ख्वाजा खान मौजूद थे।
फर्जी तार की जब्ती और असत्य कहानी:
मुजीब खान ने पुलिस के दबाव में 22 नवंबर को 4 क्विंटल तार खरीदा और थाने भेजा। पुलिस ने वाहन को जब्त कर लिया और ड्राइवर को छोड़ दिया। बाद में मुजीब पर दबाव डाला गया कि वह एक और व्यक्ति को आरोपी बना दे ताकि उसे जमानत मिल सके। जब मुजीब ने मना किया, तो पुलिस ने झूठे आरोपों में उनके कर्मचारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया और उनके वाहन की फर्जी जब्ती बना दी।
मध्यप्रदेश पुलिस की मनमानी:
इस पूरे घटनाक्रम से यह साफ हो जाता है कि मध्यप्रदेश पुलिस अपने छोटे से फायदे के लिए भी कानून का उल्लंघन करने से नहीं चूक रही है। जब पुलिसकर्मी अपनी जिम्मेदारी का दुरुपयोग करते हैं, तो यह राज्य के मुख्यमंत्री के लिए चिंता का विषय बन जाता है। मुजीब खान ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की अपील की है ताकि भविष्य में इस तरह की मनमानी न हो सके।
मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग:
मुजीब खान ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, डीजीपी, आईजी भोपाल और अन्य पुलिस अधिकारियों से मामले की जांच करवाई जाने की अपील की है ताकि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।