गौशालाओं की बदहाली: सरकार की उपेक्षा और गौसेवकों का आक्रोश

पुखराज भटेले (गौसेवक)

भोपाल: गौमाता की सुरक्षा के उद्देश्य से स्थापित गौशालाओं का हाल आज दयनीय स्थिति में पहुंच गया है। जहां सरकार ने गौशालाएं बनाकर गौमाता को सुरक्षित रखने का दावा किया था, वहीं आज अधिकांश गौशालाएं खाली पड़ी हैं। गौसेवक लगातार इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठा रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।

गौसेवक पुखराज भटेले का आरोप है कि सरकार गौशालाओं के लिए बजट बढ़ाकर गौमाता की भलाई के बजाए केवल उनके नाम पर धन का दुरुपयोग कर रही है। उनका कहना है कि पिछले 200 वर्षों से गौमाता की रक्षा के लिए संघर्ष जारी है, लेकिन आज भी बाजारों में खुलेआम गौहत्या हो रही है और कई लोग मंच से गौमांस के सेवन का समर्थन कर रहे हैं।

उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर सरकार इस मुद्दे पर चुप क्यों है और गौमाता की सुरक्षा के लिए ठोस कदम क्यों नहीं उठा रही है। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर विचारणीय मुद्दा है और सरकार को इस पर ध्यान देकर गौमाता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय करने चाहिए।


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