एम्स भोपाल में दुर्लभ सर्जरी: माँ और शिशु को नया जीवन मिला

हाई-रिस्क डिलीवरी और हृदय सर्जरी एक साथ, डॉक्टरों ने रचा इतिहास

भोपाल । एम्स भोपाल ने एक बार फिर अपनी मल्टीस्पेशलिटी चिकित्सा विशेषज्ञता का प्रदर्शन करते हुए हृदय रोग से पीड़ित गर्भवती महिला की दुर्लभ और जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। संस्थान के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने मां और अजन्मे शिशु दोनों का जीवन बचाने में सफलता हासिल की।

क्या था मामला?

24 वर्षीय गर्भवती महिला को 10 साल पहले हृदय के वाल्व में सिकुड़न के कारण कृत्रिम वाल्व लगाया गया था।
हाल ही में गर्भावस्था के दौरान वाल्व अटक गया, जिससे मरीज को सांस लेने में दिक्कत होने लगी।
इस जटिल स्थिति में गर्भावस्था के दौरान ओपन हार्ट सर्जरी करना मां और शिशु दोनों के लिए जानलेवा हो सकता था।
एम्स भोपाल की टीम ने गर्भावस्था को सुरक्षित रूप से पूर्ण कराने का निर्णय लिया और मरीज को ICU में रखा गया।
गर्भधारण पूरा होते ही डॉक्टरों ने सिजेरियन ऑपरेशन के माध्यम से सुरक्षित प्रसव कराया और तुरंत बाद हृदय की जटिल सर्जरी कर वाल्व को सफलतापूर्वक बदल दिया।

एक दुर्लभ चिकित्सा उपलब्धि

सिजेरियन डिलीवरी और ओपन हार्ट सर्जरी – एक ही ऑपरेशन में सफलता।
कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी (CTVS), प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग और बाल रोग विभाग की संयुक्त सफलता।
एम्स भोपाल की मल्टीस्पेशलिटी टीम ने एक असाधारण उपलब्धि हासिल की।

डायरेक्टर प्रो. (डॉ.) अजय सिंह का बयान:

“यह सर्जरी एम्स भोपाल की टीम वर्क और विशेषज्ञता का उत्कृष्ट उदाहरण है। एक ही समय में प्रसव और जीवनरक्षक हृदय सर्जरी को प्रबंधित करना हमारे संस्थान के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।”


एम्स भोपाल की चिकित्सा क्षमता को मिली नई पहचान

आमतौर पर इस प्रकार के मामले रेफर कर दिए जाते हैं, लेकिन एम्स भोपाल ने इसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया। जटिल स्वास्थ्य स्थितियों के इलाज में एम्स की विशेषज्ञता और उन्नत चिकित्सा सुविधाएं साबित हुईं।  मरीज और उसके शिशु दोनों अब स्वस्थ हैं और रिकवरी कर रहे हैं।

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