भोपाल में राजस्व प्रकरणों का समाधान सुस्त, एक लाख 58 हजार मामले अभी भी लंबित

भोपाल। राजस्व महाभियान के दौरान प्रदेशभर में राजस्व प्रकरणों के निपटारे का रिकॉर्ड बना, लेकिन भोपाल जिले में एक लाख 58 हजार से अधिक नक्शा सुधार और अन्य प्रकरण अब भी लंबित हैं। अधिकारियों का कहना है कि जमीन विवाद और सीमांकन की कार्रवाई में बाधा आने के कारण इन मामलों का समाधान नहीं हो पा रहा है। विशेष रूप से, शहर की सीमा पर स्थित जमीनों को लेकर सबसे अधिक विवाद सामने आ रहे हैं।

**राजस्व महाभियान में प्रकरणों का सीमित समाधान**

राजस्व महाभियान के दौरान दो लाख नौ हजार 453 में से केवल 50 हजार 501 प्रकरणों का समाधान हो सका था, जबकि एक लाख 58 हजार से अधिक प्रकरण अब भी लंबित हैं। जमीन की बढ़ती कीमतों के कारण एक-एक इंच जमीन पर झगड़े हो रहे हैं, जिससे अधिकारी और सर्वेयर सीमांकन के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं।

**अवैध कालोनियों और विवादित भूमि के मुद्दे**

शहर की सीमाओं पर स्थित कृषि भूमि पर हाल के वर्षों में तेजी से अवैध कालोनियों का विकास हुआ है। यहां डायवर्सन के नाम पर प्लॉट काट दिए जाते हैं, लेकिन रोड, बिजली पोल और नाली आदि के लिए जमीन की अनुपलब्धता होती है। इसके चलते सीमांकन के समय आपसी विवाद उत्पन्न होते हैं और मामले लंबित रह जाते हैं।

**विवादित क्षेत्रों की सूची**

शहर के लांबाखेड़ा, बैरसिया रोड, ईंटखेड़ी, देवलखेड़ी, पुरामनभावन, इमलिया, अरवलिया, परवलिया, अचारपुरा, खेजड़ा, सेमरा, मुगालिया कोट, रातीबड़, नीलबड़, सूरज नगर, विशनखेड़ी, अयोध्या बायपास, विदिशा रोड, और खजूरी कलां आदि क्षेत्रों में अक्सर सीमांकन को लेकर विवाद होते हैं। इन क्षेत्रों में सीमांकन के बाद ही सही स्थिति का पता चलता है, और किसी अन्य का कब्जा होने पर विवाद शुरू हो जाता है।

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