डिजिटल युग में सिनेमा की भाषा में क्रांतिकारी बदलाव: माखनलाल विश्वविद्यालय में कुलगुरु प्रो. के.जी. सुरेश का विशेष व्याख्यान

**भोपाल:** माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय में गुरुवार को मीडिया प्रबंधन और सिनेमा अध्ययन विभाग द्वारा विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. (डॉ.) के.जी. सुरेश ने कहा कि डिजिटल युग ने फिल्म की भाषा में एक क्रांतिकारी बदलाव लाया है, जिससे फिल्म निर्माण के नए आयाम खुल रहे हैं।

मीडिया प्रबंधन विभाग द्वारा आयोजित “व्यक्तित्व: करियर वृद्धि की कुंजी” शीर्षक के कार्यक्रम में प्रो. सुरेश ने संवाद कौशल, आत्मविश्वास और ज्ञान के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सफलता केवल बाहरी दिखावट से नहीं, बल्कि व्यक्ति के व्यवहार, बातचीत और सोच से मिलती है।

सिनेमा अध्ययन विभाग ने “डिजिटल युग में फिल्म की भाषा को समझना” विषय पर एक विशेष सत्र का आयोजन किया। इस सत्र में भारतीय जनसंचार संस्थान की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रचना शर्मा ने फिल्मों में टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रभाव और डिजिटल सिनेमैटोग्राफी के बारे में चर्चा की। उन्होंने बताया कि डिजिटल तकनीक के आगमन से फिल्म निर्माताओं को अभूतपूर्व रचनात्मक नियंत्रण मिला है और फिल्मों के वितरण में भी नए प्लेटफ़ॉर्म्स का उदय हुआ है।

कुलगुरु प्रो. सुरेश ने अपने संबोधन में कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय सिनेमा की नई तकनीकों और आयामों का अध्ययन कराने वाला पहला विश्वविद्यालय है। उन्होंने छात्रों को कहानी लेखन में प्रोत्साहित करते हुए कहा कि अच्छी कहानियां हमारे आसपास बिखरी हैं, उन्हें पहचानने और प्रस्तुत करने की आवश्यकता है।

डॉ. रचना शर्मा ने आगे कहा कि डिजिटल युग ने न केवल फिल्म निर्माण को सुलभ बनाया है, बल्कि स्ट्रीमिंग सेवाओं और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स ने भी दर्शकों के अनुभव को बदल दिया है।

कार्यक्रम के अंत में सिनेमा अध्ययन विभाग के वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर डॉ. गजेंद्र अवास्या ने सभी का औपचारिक धन्यवाद किया।

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