भोपाल। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), पश्चिम मध्य रेल ने “ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते” के तहत एक महत्वपूर्ण अभियान चलाया, जिसमें रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में खोए हुए या असहाय बच्चों को बचाकर उनके परिवारों से मिलाने का कार्य किया गया। यह अभियान आरपीएफ की सामाजिक जिम्मेदारी और बच्चों की सुरक्षा के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते के तहत अब तक की उपलब्धियां:
435 बच्चों को बचाया:
साल 2024 के अक्टूबर महीने तक आरपीएफ ने 435 से अधिक बच्चों को ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षित बचाया। इनमें से अधिकांश बच्चे अपने परिवार से बिछड़ गए थे।
परिवार से मिलाया:
बचाए गए सभी बच्चों को उनके परिवारों से मिलाने के लिए आरपीएफ ने विशेष प्रयास किए। हर बच्चे की सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित की गई।
जागरूकता अभियान चलाया:
आरपीएफ ने इस अभियान के तहत यात्रियों को बच्चों की सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूक किया। इसमें अभिभावकों को अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए सतर्क रहने की अपील की गई।
आरपीएफ का सामाजिक योगदान:
“ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते” बच्चों की सुरक्षा और उनके पुनर्मिलन में एक प्रेरणादायक पहल बन गया है। आरपीएफ ने न केवल इन बच्चों को बचाने में बल्कि उनके भविष्य को सुरक्षित बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आरपीएफ इस अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है और बच्चों की सुरक्षा के लिए अपनी सेवाओं को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।