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RGPV घोटाला: आरोपी राकेश सिंह राजपूत से 30 लाख नगद और 2 एप्पल मोबाइल बरामद

भोपाल: राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV) के घोटाले में फरार आरोपी राकेश सिंह राजपूत, जो कि तत्कालीन कुलसचिव थे, से पुलिस ने 30 लाख रुपये नकद और दो एप्पल मोबाइल फोन जब्त किए हैं। इस मामले में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप में कई अधिकारी गिरफ्तार हो चुके हैं।

**मामले का विवरण**

RGPV के कुलसचिव डॉ. मोहन सेन द्वारा आरोपी 1. सुनील कुमार (तत्कालीन कुलपति), 2. आर.एस. राजपूत (तत्कालीन कुलसचिव), 3. ऋषिकेश वर्मा (तत्कालीन वित्त नियंत्रक), 4. कुमार मयंक और अन्य के खिलाफ 19.48 करोड़ रुपये की अनियमितता की शिकायत दर्ज कराई गई थी। इस घोटाले में आरोप है कि विश्वविद्यालय की राशि निजी खातों में ट्रांसफर की गई थी। मामले की जांच भोपाल के थाना गांधीनगर में अपराध क्रमांक 57/24 के तहत की जा रही है। इस मामले में धारा 420, 467, 468, 120B IPC और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।

**जांच के दौरान गिरफ्तारियां और साक्ष्य**

जांच के दौरान सुनील कुमार गुप्ता (तत्कालीन कुलपति), कुमार मयंक (टास्क हेड, RBL बैंक), रामकुमार रघुवंशी (शाखा प्रबंधक, एक्सिस बैंक), ऋषिकेश वर्मा (तत्कालीन वित्त नियंत्रक) समेत अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा 22 अगस्त 2024 को राकेश सिंह राजपूत की जमानत याचिका खारिज की गई। 5 सितंबर 2024 को उन्होंने अदालत में आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की।

**राकेश सिंह राजपूत से बरामदगी**

जांच में पता चला कि RGPV से गबन की गई राशि में से राकेश सिंह राजपूत ने अपने और परिजनों के खातों में 17.64 लाख रुपये जमा किए थे। उनके पास से 30 लाख रुपये नकद और 2 एप्पल मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं, जिनकी कीमत करीब 1.5 लाख रुपये है।

इसके अलावा, आरोपी राकेश सिंह ने ग्वालियर में दो अलग-अलग प्लॉटों पर करोड़ों रुपये की लागत से भवन निर्माण कराया है, जिनमें से एक 70 लाख रुपये की लागत से तैयार हो चुका है और किराए पर दिया गया है, जबकि दूसरा 90 लाख रुपये की लागत से निर्माणाधीन है।

पुलिस रिमांड के बाद राकेश सिंह राजपूत को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें भोपाल की केन्द्रीय जेल भेज दिया गया।

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