भोपाल के मंगलवारा स्थित चंद्रप्रभ भगवान के दिगंबर जैन मंदिर में चार्तुमास के दौरान साध्वी माता जी संघ ने धर्मशाला में विशाल जनसमूह को संबोधित किया। *आर्थिका रत्न 105* पूज्य श्री सकलमति माता जी ने अपने प्रवचन में कहा कि आज की भागदौड़ भरी डिजिटल जिंदगी में अशांति का मुख्य कारण सत्य धर्म का अभाव है। उन्होंने बताया कि मानव जीवन में सत्य का प्रभाव गहरा होता है, लेकिन आज लोग अपने स्वार्थ और पद की लालसा में झूठ का सहारा लेकर अपना कार्य और कारोबार चला रहे हैं, जिससे जीवन में संतोष की कमी हो रही है।
### सत्य धर्म का महत्व और उसके प्रभाव
माता जी ने उदाहरण देकर समझाया कि सत्य की अग्नि कभी समाप्त नहीं होती, बस उस पर राख जम जाती है। साधु-संत अपने जीवन में सत्य धर्म का पालन करते हुए मोक्ष मार्ग की ओर अग्रसर होते हैं, लेकिन आज देश, प्रदेश और समाज के हर व्यक्ति को सत्य धर्म का पालन करना चाहिए। बीरबल और अकबर की कहानियों के माध्यम से उन्होंने सत्य धर्म के महत्व को सरल तरीके से समझाया।
### समाज के हित में मंत्रोच्चार और अनुष्ठान
धर्म प्रेमी समाज के समक्ष 10 पति-पत्नी के जोड़ों ने विश्व और अखंड भारत में शांति के लिए शास्त्र वाचन किया। इस दौरान देश में बाढ़, अतिवृष्टि, फसलों की सुरक्षा, और महिलाओं एवं बच्चियों पर हो रहे अत्याचारों को समाप्त करने के लिए मंत्रोच्चार के साथ कलश स्थापना की गई। इस अवसर पर शांति की कामना करते हुए भगवान शांतिनाथ के समक्ष नारियल और अर्घ्य समर्पित किए गए।
### समाज में जागरूकता फैलाने का प्रयास
बालिका युवा मंडल ने *जस्टिस फॉर मी* नामक एक नाटक प्रस्तुत किया, जिसमें महिलाओं और बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए गए। नाटक के माध्यम से महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने की प्रेरणा दी गई। कार्यक्रम में कलकत्ता में हुए डॉक्टर से दुष्कर्म की घटना को आधार बनाकर महिला सुरक्षा पर जागरूकता फैलाई गई।
इस अवसर पर बाल ब्रह्मचारी पंडित सुमत भैया के निर्देशन में विशेष अनुष्ठान संपन्न हुए। कार्यक्रम में विजय श्वेता, राकेश नायक, मनोज मन्नु, महिला मंडल की प्रमुख सदस्य नीता रोशला, मनीषा जैन, आशा प्रति, और नीता जैन भी उपस्थित रहीं।
इस प्रवचन और अनुष्ठान से सत्य धर्म की महत्ता को दोबारा स्थापित करने का संदेश दिया गया, जिससे समाज में शांति और सद्भाव का प्रसार हो।