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सेमी गवर्नमेंट एंप्लॉय फेडरेशन के अध्यक्ष अनिल बाजपेई का आरोप: निगम की गलत नीतियों से बढ़ रही अनियमितताएं

भोपाल: सेमी गवर्नमेंट एंप्लॉय फेडरेशन के अध्यक्ष अनिल बाजपेई ने भंडारन निगम की गलत नीतियों को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि आलोट ब्रांच के मैनेजर ने निगम की कार्यप्रणाली से परेशान होकर आत्महत्या कर ली, जबकि आगर ब्रांच में 3 करोड़ रुपये के गेहूं को बेचकर उसकी जगह जाम में भूसा भर दिया गया। इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है।

प्राइवेट नीतियों से बढ़ी अनियमितताएं

अनिल बाजपेई ने कहा कि जब से निगम में प्राइवेट नीतियां लागू हुई हैं, शाखा प्रबंधकों और क्षेत्रीय प्रबंधकों का प्राइवेट वेयरहाउस संचालकों पर नियंत्रण समाप्त हो चुका है। इसका मुख्य कारण यह है कि प्राइवेट वेयरहाउस संचालक दबंग, बाहुबली, और राजनीतिक प्रभाव वाले लोग हैं। इनकी मनमानी के चलते निगम प्रबंधन उन पर सख्त कार्रवाई नहीं कर पाता।

प्रमुख समस्याएं:

1. ब्लैकलिस्टेड वेयरहाउस की पुनः भागीदारी:
निगम द्वारा ब्लैकलिस्टेड वेयरहाउस को दोबारा भंडारण योजनाओं में शामिल किया जा रहा है, जिससे उनकी मनमानी बढ़ गई है।


2. राजनीतिक दबाव के कारण निर्णय बाधित:
शाखा प्रबंधक और क्षेत्रीय प्रबंधक राजनीतिक दबाव के चलते स्वतंत्र निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। इससे निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है।


3. अनुभवी अधिकारियों की कमी:
अनुभवी अधिकारियों के सेवानिवृत्त होने के बाद निगम में प्रशासनिक सख्ती नहीं हो पा रही है। इसके चलते भंडारण शुल्क की वसूली प्रभावित हुई है।



समस्याओं के समाधान के लिए सुझाव

1. दोहरी प्रणाली लागू करना:
निगम में प्रशासन और संचालन के दो स्तर बनाए जाने चाहिए:

प्रशासनिक स्तर पर डिप्टी कलेक्टर की नियुक्ति:
सभी संभागों में डिप्टी कलेक्टर को क्षेत्रीय प्रबंधक के रूप में तैनात किया जाए। इससे शासन और निगम के बीच बेहतर तालमेल बनेगा और रुके हुए कार्यों को समय पर पूरा किया जा सकेगा।

संचालन स्तर पर क्षेत्रीय प्रबंधक का दायरा तय करना:
कार्यकारी क्षेत्रीय प्रबंधकों को भंडारण नीति, निरीक्षण, और वसूली जैसे कार्य सौंपे जाएं ताकि योजनाओं का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन हो सके।



2. प्राइवेट वेयरहाउस नीति में सुधार:
प्राइवेट वेयरहाउस संचालकों की मनमानी रोकने के लिए सख्त नियम लागू किए जाएं।


3. भंडारण शुल्क की वसूली पर जोर:
वर्षों से लंबित भंडारण शुल्क की समय पर वसूली के लिए सशक्त प्रणाली बनाई जाए।



निगम प्रबंधन को चेतावनी

अनिल बाजपेई ने कहा कि यदि जल्द ही निगम की नीतियों में सुधार नहीं किया गया, तो यह न केवल कर्मचारियों के हितों को नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि निगम की आय में भी भारी गिरावट होगी। उन्होंने कर्मचारियों की सुरक्षा और हितों को प्राथमिकता देने की मांग की।

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