भोपाल। संस्कार भारती सभागार में शनिवार को मासिक संगीत संगोष्ठी ‘निनाद’ का आयोजन किया गया, जिसमें भक्तिमय और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों का दिल जीत लिया। इस अवसर पर योगेंद्र सभागार में ‘ए करत हो मोसे झूठी बतिया’ और ‘जब जानकी नाथ सहाय करें’ जैसे भजनों की प्रस्तुति से माहौल भक्तिमय हो गया।
श्वेता पौराणिक की मंत्रमुग्ध करने वाली प्रस्तुति
कार्यक्रम में प्रमुख कलाकार श्वेता पौराणिक ने विलंबित ख्याल ‘भरी गगरी मोरी ठुकराई छैल’, मराठी भजन ‘राम रंगी रंगले’, और नाटक गीत ‘हे सुरानो चंद्र वहा’ जैसे अद्वितीय गीतों की प्रस्तुति दी। उनकी प्रस्तुति ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
विशिष्ट अतिथि का संदेश
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि और रामायण अधिवेशन के अध्यक्ष डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि संस्कार भारती की ‘निनाद’ संगोष्ठी शास्त्रीय संगीत के महापर्व के समान है। उन्होंने बताया कि यह मंच नए और प्रतिष्ठित कलाकारों को समान अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा, “शास्त्रीय संगीत न केवल दिनभर की थकान को मिटाता है, बल्कि नई ऊर्जा भी प्रदान करता है।”
कार्यक्रम का संचालन और संयोजन
कार्यक्रम का सफल संचालन दीपिका पुरोहित ने किया, जबकि इसका संयोजन शेखर कराडकर ने संभाला।
दर्शकों की उत्साही भागीदारी
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दर्शकों ने भाग लिया और प्रस्तुतियों का भरपूर आनंद लिया। इस अवसर ने भोपाल में शास्त्रीय संगीत और सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत रखने में योगदान दिया।