‘इन्वेस्ट मध्यप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025’ में खाद्य प्रसंस्करण और डेयरी सेक्टर को लेकर बड़े ऐलान
भोपाल। मध्यप्रदेश में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश के लिए अपार संभावनाएं हैं, यह कहना है केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का, जिन्होंने “इन्वेस्ट मध्यप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025” के दौरान यह विचार रखे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश एक लाख हेक्टेयर भूमि बैंक के साथ निवेश के लिए तैयार पहला राज्य है और यहाँ फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को तेजी से बढ़ावा देने की जरूरत है।
प्रदेश में 8 फूड पार्क, 5 एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर, 2 मेगा फूड पार्क और 2 मसाला पार्क तैयार।
प्रदेश में उद्यानिकी फसलों का रकबा 5 साल में 27 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 32 लाख हेक्टेयर होगा।
“एक जिला-एक उत्पाद” योजना के तहत 52 जिलों की विशिष्ट फसलें चिन्हित की गईं।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में निवेशकों के लिए “सिंगल विंडो प्रणाली” लागू।
कृषि और खाद्य प्रसंस्करण को मिलेगा बढ़ावा
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश टमाटर, मटर, प्याज, लहसुन, मिर्च, गेहूं और चावल उत्पादन में देश में अग्रणी है।
“अगर किसानों को उनकी फसल का पूरा मूल्य दिलाना है तो फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को मजबूती देनी होगी। इससे किसानों और उद्योगों दोनों को लाभ मिलेगा और भारत वैश्विक खाद्य प्रसंस्करण में विश्व लीडर बन सकता है।”
बीज और पौध की नवीन किस्में विकसित की जा रही हैं।
चावल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी शून्य और ऑइल इम्पोर्ट ड्यूटी 27% बढ़ाई गई, जिससे भारतीय फूड प्रोसेसिंग इकाइयों को लाभ मिलेगा।
मध्यप्रदेश में निवेश को आकर्षित करने के लिए बड़े कदम
“सिंगल विंडो प्रणाली” लागू – भूमि आवंटन और अनुमतियां जल्दी मिलेंगी।
राज्य सरकार ने निवेशकों के सुझावों को ध्यान में रखकर नीतियाँ बनाई हैं।
कृषि और खाद्य प्रसंस्करण के लिए 500 करोड़ रुपये का केंद्र सरकार का विशेष प्रावधान।
उद्यानिकी मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा:
“मध्यप्रदेश अपनी समृद्ध कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और जैविक उत्पादों के लिए विश्व स्तर पर पहचान बना चुका है। यहाँ का रियावन लहसुन और सुंदरजा आम वैश्विक बाजार में अपनी अलग पहचान रखते हैं।”
इन्फ्रास्ट्रक्चर और क्लस्टर-आधारित विकास
प्रमुख सचिव (उद्यानिकी) अनुपम राजन ने बताया कि मध्यप्रदेश में 8 फूड पार्क, 2 मेगा फूड पार्क, 5 एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर और 1 लॉजिस्टिक पार्क तैयार किए गए हैं।
चयनित फसल क्लस्टर:
निमाड़ – मिर्च
गुना-राजगढ़ – धनिया
बुंदेलखंड – अदरक
बघेलखंड – हल्दी
बुरहानपुर – केला
मटर, जबलपुर, देवास, इंदौर – आलू
छोटे उद्यमियों को प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना के तहत 930 करोड़ रुपये की इकाइयां स्थापित करने का मौका।
फूड प्रोसेसिंग उद्योग में नए अवसर
केंद्रीय कृषि सचिव सुब्रत गुप्ता ने बताया कि बदलती लाइफस्टाइल के कारण रेडी-टू-ईट और रेडी-टू-कुक फूड की मांग तेजी से बढ़ रही है।
1000 करोड़ रुपये की फंडिंग से नए फूड प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट्स को मिलेगा बढ़ावा।
स्टार्टअप्स और MSMEs के लिए निवेश के बेहतरीन अवसर।
विशेषज्ञों की राय: कृषि और खाद्य प्रसंस्करण में टेक्नोलॉजी का उपयोग
“फ्रॉम फार्म-टू-मार्केट” पैनल में विशेषज्ञों ने बताया कि:
तकनीकी नवाचार से किसानों को सही दाम मिलेगा।
सप्लाई चेन मैनेजमेंट और कोल्ड स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश से कृषि उत्पादों की बर्बादी रुकेगी।
“फूड प्रोसेसिंग ऑपर्च्युनिटीज इन बैक वॉटर एण्ड फारवर्ड लिंकेज” पैनल में विशेषज्ञों ने बताया:
सप्लाई चेन पारदर्शिता बढ़ाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग जरूरी।
क्वालिटी स्टैंडर्ड्स और सर्टिफिकेशन से निर्यात में तेजी आएगी।
“इम्पॉवरिंग फार्मर्स: द फ्यूचर ऑफ एग्री-फायनेंस” पैनल में बताया गया:
कम ब्याज दर, माइक्रोफाइनेंस और डिजिटल बैंकिंग से किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त किया जाएगा।
क्रेडिट कार्ड्स और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर किसान फूड प्रोसेसिंग उद्योग से जुड़ सकते हैं।
“फ्रॉम फार्म-टू-वेलनेस” पैनल में बताया गया:
औषधीय एवं न्यूट्रास्यूटिकल फसलों की मांग तेजी से बढ़ रही है।
हर्बल सप्लीमेंट्स और फंक्शनल फूड्स का बाजार तेजी से बढ़ेगा।
मध्यप्रदेश बना निवेशकों की पहली पसंद
प्रदेश में 4,000 से अधिक फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स कार्यरत हैं।
प्रदेश में 11 एग्रो क्लाइमेटिक जोन हैं, जिससे विविध फसलें उगाई जा सकती हैं।
ट्रांसपोर्ट सुविधा – 700 रेलवे स्टेशन, 60 फ्लाइट्स और 9 इनलैंड पोर्ट उपलब्ध।
मध्यप्रदेश में निवेश के लिए तैयार हैं बेहतरीन अवसर – किसानों, उद्यमियों और निवेशकों के लिए सुनहरा भविष्य!
मध्यप्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण में अपार निवेश संभावनाएँ: शिवराज सिंह चौहान
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