State

श्रीकृष्ण का कर्म प्रधान जीवन आज भी प्रेरणादायक: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

भोपाल ।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर इंदौर स्थित गीता भवन में आयोजित व्याख्यानमाला में प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में गीता भवन केंद्र खोलने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों के माध्यम से आध्यात्मिक ज्ञान और हमारे प्राचीन ग्रंथों के उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने श्रीकृष्ण के जीवन की विभिन्न घटनाओं को रोचक ढंग से प्रस्तुत करते हुए उनके कर्म प्रधान जीवन को प्रेरणा का स्रोत बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार इस तरह के व्याख्यानों के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण के जीवन के महत्वपूर्ण संदेशों को लोगों तक पहुंचा रही है। उन्होंने कहा, “भगवान श्रीकृष्ण का पूरा जीवन कर्म पर आधारित रहा है, उन्होंने हमेशा कर्म को धर्म के रूप में माना। उनके द्वारा दी गई शिक्षा आज भी हमारे लिए मार्गदर्शक है।”

कार्यक्रम में विशेष रूप से श्री विजय दत्त श्रीधर और श्री प्रभुदयाल मिश्र ने अपने व्याख्यान दिए। श्री विजय दत्त श्रीधर ने “श्रीकृष्ण के भाव, सौंदर्य और प्रेम का समुच्चय” विषय पर अपने व्याख्यान में श्रीकृष्ण के जीवन के विभिन्न प्रसंगों को रोचकता से प्रस्तुत किया। उन्होंने भगवत गीता के श्लोकों का सरल अर्थ बताते हुए कहा कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की गहराई को समझने का एक अद्भुत प्रयास है।

श्री प्रभुदयाल मिश्र ने “श्रीकृष्ण समग्रता की प्रतिमूर्ति” विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा, “श्रीमद् भगवत गीता के श्लोकों में कर्म की महत्ता का वर्णन है। श्रीकृष्ण ने हमेशा कहा कि कर्म का आनंद ही सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि कर्म ही धर्म है।”

कार्यक्रम में जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, सांसद श्री शंकर लालवानी, महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव, विधायक श्री महेंद्र हार्डिया, विधायक श्री गोलू शुक्ला, विधायक श्री मधु वर्मा, और गीता भवन ट्रस्ट के पदाधिकारी एवं सदस्य भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने गीता भवन ट्रस्ट को हर संभव सहयोग का आश्वासन देते हुए इंदौर में “हर घर कृष्ण-हर घर यशोदा” पहल की सराहना की और भगवान श्रीकृष्ण का पूजन कर बांसुरी अर्पित की। कार्यक्रम के अंत में ट्रस्ट की ओर से मुख्यमंत्री को भगवान श्रीकृष्ण और राधा जी की प्रतिमा भेंट की गई।

मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रदेश भर में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन पर आधारित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जो आमजन के लिए ज्ञान का दीपक प्रज्ज्वलित करने का कार्य करेंगे।” उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के जीवन के वृतांतों को सुनाते हुए उनके कर्म और पुरुषार्थ को जीवन का मार्गदर्शक बताया।

Related Articles