छत्तीसगढ़ में ओड़िशा की शराब की तस्करी: आबकारी विभाग की निगाहों के सामने अवैध बिक्री

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ में शराब की कीमतों में हालिया वृद्धि के बावजूद, शराब प्रेमियों के लिए राहत की खबर आई है। प्रदेश के लायसेंसी बारों और गांवों में ओड़िशा समेत अन्य पड़ोसी राज्यों की शराब खुलेआम परोसी जा रही है। यह अवैध व्यापार आबकारी विभाग के अधिकारियों की नजरों के सामने चल रहा है।

हाल ही में, छत्तीसगढ़ सरकार ने देसी और विदेशी शराब की कीमतों में 20 से 30 फीसदी तक वृद्धि की है, जिससे शराब महंगी हो गई है। लेकिन बस्तर और अन्य जिलों में शराब प्रेमियों ने सस्ती शराब की तलाश में पड़ोसी राज्यों की ओर रुख कर लिया है। बस्तर, सुकमा, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंडागांव, और कांकेर जिलों की सीमाएं ओड़िशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश से लगी हुई हैं, जहां शराब की कीमतें छत्तीसगढ़ की तुलना में काफी कम हैं।

इन पड़ोसी राज्यों से शराब मंगाकर छत्तीसगढ़ के बारों और गांवों में बेची जा रही है। खासकर जगदलपुर के बारों में ओड़िशा की शराब परोसी जा रही है। बस्तर जिले में ओड़िशा की विभिन्न ब्रांड की शराब की बिक्री हो रही है, जबकि आबकारी विभाग इस अवैध कारोबार को लेकर चुप्पी साधे हुए है। ऐसा माना जा रहा है कि ओड़िशा में बीजेपी की सरकार होने के कारण स्थानीय नेताओं की सहायता से शराब की तस्करी की जा रही है।

छत्तीसगढ़ के पर्यटन क्षेत्र में भी शराब का कारोबार फल-फूल रहा है, जहां पर्यटक स्थानीय और पड़ोसी राज्यों की शराब का आनंद ले रहे हैं। इस तस्करी के कारण छत्तीसगढ़ सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान हो रहा है, क्योंकि दूसरे राज्यों से तस्करी करके शराब बेची जा रही है। छत्तीसगढ़ के अधिकारियों की कार्रवाई न करने के कारण यह अवैध व्यापार तेजी से फैल रहा है।

आबकारी विभाग को इस तस्करी की जानकारी है, लेकिन सवाल यह उठता है कि कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। बस्तर जिले के बकावंड और नगरनार, सुकमा जिले के कोंटा, नारायणपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और कोंडागांव के गांवों के रास्ते से शराब की तस्करी की जा रही है। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।

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