भोपाल। हर वर्ष 14 नवम्बर को मनाए जाने वाले विश्व मधुमेह दिवस का मुख्य उद्देश्य मधुमेह को सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में पहचान कर इसके रोकथाम, निदान और प्रबंधन के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना है। मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति लंबे समय तक इस बीमारी से ग्रस्त रहने पर डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसी गंभीर समस्या का सामना कर सकते हैं, जिससे उनकी आंखों का रेटिना प्रभावित हो सकता है और अंधेपन का कारण बन सकता है।
इसी क्रम में, राष्ट्रीय दृष्टिहीनता निवारण कार्यक्रम के तहत, स्वास्थ्य विभाग और आरम्भ संस्था द्वारा 14 नवम्बर 2024 को विश्व मधुमेह दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष नेत्र जांच शिविर आयोजित किया गया। यह शिविर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अशोका गार्डन भोपाल में आयोजित हुआ, जहां चालित नेत्र स्वास्थ्य इकाई के माध्यम से डायबिटिक रेटिनोपैथी की जांच की गई। इस शिविर में कुल 48 लोगों की जांच विशेष मशीनों द्वारा की गई।
चिंताजनक रूप से, डायबिटिक रेटिनोपैथी के एक मरीज और मोतियाबिंद के दो मरीजों को इलाज के लिए जिला चिकित्सालय रेफर किया गया। यह शिविर मरीजों में जागरूकता बढ़ाने और उन्हें शीघ्र उपचार प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है।
इस आयोजन से यह संदेश दिया गया कि समय रहते मधुमेह से जुड़ी आंखों की समस्याओं की पहचान और इलाज से अंधेपन को रोका जा सकता है, और मधुमेह के मरीजों को अपनी सेहत की बेहतर देखभाल की आवश्यकता है।