भोपाल । एम्स भोपाल के पीडियाट्रिक्स विभाग ने विश्व किडनी सप्ताह 2025 के तहत किडनी रोग से प्रभावित बच्चों के अभिभावकों के लिए एक विशेष पैरेंट्स कॉन्क्लेव का आयोजन किया। इस आयोजन का उद्देश्य किडनी रोगों से पीड़ित बच्चों के परिवारों को सहायता और जागरूकता प्रदान करना था।
कार्यक्रम की मुख्य बातें:
11-17 मार्च तक चला जागरूकता अभियान
किडनी हेल्थ को लेकर पेंटिंग, डांस और फैशन शो जैसे इवेंट्स
स्वास्थ्यकर्मियों के लिए क्विज प्रतियोगिता
150 से अधिक प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. अजय सिंह ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया और कहा “दुनिया भर में हर 10 में से 1 व्यक्ति क्रोनिक किडनी रोग से प्रभावित है। यदि समय पर पहचान हो जाए, तो किडनी को स्वस्थ रखा जा सकता है।”
बालरोग विभाग की विशेष पहल
बालरोग विभाग की प्रमुख प्रो. शिखा मालिक ने कहा कि विभाग बच्चों के किडनी स्वास्थ्य को लेकर लगातार जागरूकता और उपचार प्रयासों में संलग्न है। इस दौरान किडनी रोग से पीड़ित बच्चों और उनके माता-पिता ने अपने संघर्ष और सफलता की कहानियां साझा कीं, जिससे अन्य अभिभावकों को भी प्रेरणा मिली।
अभिभावकों के अनुभव:
एक माता-पिता ने बताया कि उनकी बच्ची अंतिम चरण की किडनी बीमारी से जूझ रही थी, लेकिन डायलिसिस और उपचार के दौरान उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। एक अन्य अभिभावक ने हेमोलिटिक यूरेमिक सिंड्रोम से जूझने और प्लाज्मा एक्सचेंज प्रक्रिया के दौरान आई कठिनाइयों के बारे में बताया। आज उनका बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है।
अभिभावक सहायता समूह का महत्व
एम्स भोपाल के बालरोग नेफ्रोलॉजी डिवीजन के विशेषज्ञ डॉ. गिरीश चंद्र भट्ट ने अभिभावक सहायता समूह की उपयोगिता पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह समूह माता-पिता को मानसिक और भावनात्मक सहयोग प्रदान करता है, जिससे वे तनाव कम कर अपने अनुभव साझा कर सकते हैं।
समापन और आभार व्यक्त
इस अवसर पर डॉ. शशांक पुरवा अधीक्षक, डॉ. महेश माहेश्वरी, डॉ. भावना ढींगरा और डॉ. कीर्ति स्वर्णकार भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन डॉ. अम्बर कुमार द्वारा किया गया, जिन्होंने आयोजन समिति और प्रतिभागियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम किडनी स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
एम्स भोपाल में किडनी रोग से पीड़ित बच्चों के अभिभावकों के लिए विशेष पैरेंट्स कॉन्क्लेव आयोजित
