एमसीयू सिनेमा विभाग के छात्रों ने रायसेन किले का भ्रमण किया, डॉक्यूमेंट्री फिल्म की शूटिंग के जरिए पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

भोपाल/रायसेन। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (एमसीयू) के सिनेमा अध्ययन विभाग के छात्रों ने ऐतिहासिक रायसेन किले का दौरा किया। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किले पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म तैयार करना था।

डॉक्यूमेंट्री फिल्म की शुरुआत

छात्रों के इस दल में आदित्य कुमार चौरसिया, अभय भारती, अनुराग जोध, फैज़ खान, और सनी ओबेरॉय शामिल थे। इन छात्रों ने किले की भव्यता और ऐतिहासिक महत्व को कैमरे में कैद किया। आदित्य कुमार चौरसिया ने बताया,
“हमारा उद्देश्य रायसेन किले की खूबसूरती और सांस्कृतिक महत्व को डॉक्यूमेंट्री के जरिए दुनिया के सामने लाना है, ताकि अधिक से अधिक पर्यटक यहां आ सकें।”

तकनीक और कला का अद्भुत संगम

भ्रमण के दौरान, आदित्य ने HDR पैनोरमा तकनीक का इस्तेमाल करते हुए किले की एक उच्च-गुणवत्ता वाली तस्वीर तैयार की। यह तस्वीर 99 अलग-अलग शॉट्स को जोड़कर बनाई गई, जिसका रिज़ॉल्यूशन 22104×5841 (121 MB) है। यह छवि किले की भव्यता को बेहद सटीकता और खूबसूरती से दर्शाती है। आदित्य ने कहा,
“हमने यह छवि किले के हर पहलू को एक नए दृष्टिकोण से दिखाने के लिए बनाई है। यह तस्वीर न केवल तकनीकी कौशल का प्रदर्शन है, बल्कि किले की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का प्रयास भी है।”

किले की भव्यता और महत्व

डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग के दौरान छात्रों ने किले की सुंदरता और उसकी अनमोल विरासत को अपने सिनेमाई दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि यह किला मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहर का अहम हिस्सा है, और इसे और अधिक पर्यटकों के लिए आकर्षक और सुविधाजनक बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

डॉक्यूमेंट्री फिल्म के जरिए छात्रों का उद्देश्य न केवल रायसेन किले की सुंदरता को प्रदर्शित करना है, बल्कि लोगों को इसके ऐतिहासिक महत्व से भी अवगत कराना है। छात्रों ने कहा,
“हमारी डॉक्यूमेंट्री किले को नए दृष्टिकोण से दिखाएगी, जिससे पर्यटक इसके इतिहास और भव्यता को सराहेंगे।”

युवाओं की पहल से प्रेरणा

यह पहल यह साबित करती है कि युवा अपनी रचनात्मकता और तकनीकी कौशल के जरिए हमारी सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण में अहम भूमिका निभा सकते हैं। छात्रों की बनाई गई यह डॉक्यूमेंट्री न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि युवाओं को अपनी विरासत के प्रति जागरूक भी करेगी।

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