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प्रदेश में सिंचाई का रकबा दोगुना करने का लक्ष्य: अगले 5 वर्षों में बड़ी वृद्धि की योजना

भिंड। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में, प्रदेश सरकार ने सिंचाई की सुविधा के निरंतर विस्तार और जल के अधिकतम उपयोग की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अगले 5 वर्षों में प्रदेश में सिंचाई का रकबा दोगुना करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं और नए कार्यों के लिए पर्याप्त प्रावधान किया गया है, जिससे सिंचाई के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि होगी।

जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि 2003 में प्रदेश में सिंचाई की स्थिति बहुत खराब थी। वर्तमान में, प्रदेश की सिंचाई क्षमता लगभग 50 लाख हेक्टेयर हो गई है। इसे 2025-26 तक 65 लाख हेक्टेयर और 2028-29 तक एक करोड़ हेक्टेयर करने का लक्ष्य है। “पर ड्रॉप मोर क्रॉप” के उद्देश्य को पूरा करने के लिए प्रदेश में 133 बृहद और मध्यम प्रेशराइजड सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली आधारित परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं, जिनके पूर्ण होने पर लगभग 48 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता संवर्धित होगी।

केन-बेतवा लिंक परियोजना :
– अनुमानित लागत: 44,605 करोड़ रुपये।
– लाभ: बुंदेलखंड क्षेत्र के 1,900 गांवों में 8,11,000 हेक्टेयर वार्षिक सिंचाई सुविधा और 41 लाख लोगों को पेयजल।
– अतिरिक्त: 130 मेगावाट विद्युत उत्पादन।

पार्वती-कालीसिंध-चंबल अंतर्राज्यीय नदी लिंक परियोजना :
– 10 जिलों में 4 लाख हेक्टेयर नई सिंचाई क्षमता।
– पेयजल और उद्योग के लिए जल उपलब्धता।

नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण :
– 18.25 एमएएफ नर्मदा जल का उपयोग।
– नर्मदा घाटी की सभी सिंचाई परियोजनाओं के पूर्ण होने पर 28,41,111 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी।

वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट प्रावधान:
– कुल प्रावधान: 13,596 करोड़ रुपये।
– बांध और संलग्न कार्य: 2,860 करोड़ रुपये।
– नहर निर्माण: 1,197 करोड़ रुपये।
– कार्यपालिक स्थापना: 1,071 करोड़ रुपये।
– लघु सिंचाई योजनाएं: 631 करोड़ रुपये।
– सौर ऊर्जीकरण: 200 करोड़ रुपये।
– केन-बेतवा लिंक परियोजना: 200 करोड़ रुपये।
– बांध और नहरें: 116 करोड़ रुपये।
– नहरें और तालाब: 110 करोड़ रुपये।

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