भोपाल: राजधानी भोपाल की सई राम कॉलोनी, सेमरा में अवैध रूप से संचालित की जा रही कलारी (देशी शराब दुकान) के विरोध में नागरिकों का विरोध अब अपने 18वें दिन में प्रवेश कर चुका है। इस मुद्दे को लेकर स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है, और अब वे गांधीवादी तरीके से शांतिपूर्ण प्रदर्शन के माध्यम से प्रशासन की नींद खोलने का प्रयास कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने घोषणा की है कि 17 अप्रैल को सुबह 10 बजे, कॉलोनी के नन्हे-नन्हे बच्चे महात्मा गांधी के रूप में वेशभूषा धारण कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस बाल गांधी प्रदर्शन के माध्यम से वे भोपाल के आबकारी विभाग और जिला प्रशासन को यह संदेश देना चाहते हैं कि जब तक क्षेत्र से इस अवैध और सामाजिक रूप से विनाशकारी शराब दुकान को बंद नहीं किया जाता, तब तक उनका आंदोलन शांतिपूर्ण लेकिन लगातार चलता रहेगा।
प्रशासन की चुप्पी और जनता का संघर्ष
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि उन्होंने कई बार भोपाल प्रशासन और संबंधित विभागों को शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। लोगों का कहना है कि यह “गूंगा-बहरा प्रशासन” आम जनता की आवाज को अनसुना कर रहा है, जिससे उनका अहिंसात्मक संघर्ष अब बच्चों तक पहुँच गया है।
इस गांधीवादी पहल का उद्देश्य न केवल प्रशासन को जागरूक करना है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश देना भी है कि शांति और संयम से भी बदलाव की शुरुआत की जा सकती है।
गांधीवादी विचारधारा की पुनर्परिभाषा
इस विरोध के पीछे छिपा विचार यह भी है कि हम गांधीजी को केवल प्रतीकों में नहीं बल्कि उनके सिद्धांतों और मूल्यों में जीवित रखें। जैसे कि एक विचार में कहा गया है –
“मेरी आशा है कि यह पुस्तक पाठकों को उठाए गए प्रश्नों पर विचार करने के लिए बाध्य करेगी, तथा इस प्रक्रिया में हमें गांधीवादी विरासत के बारे में उस अनुष्ठान से आगे बढ़कर सोचने के लिए प्रेरित करेगी, जिसमें वह सिमट कर रह गई है।”
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भोपाल की सई राम कॉलोनी में कलारी के विरोध में गांधीवादी आंदोलन, बच्चे बनेंगे गांधी, प्रशासन को जगाने की कोशिश
