भोपाल में दिगंबर जैन समाज के पर्यूषण पर्व में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, क्षमा धर्म बना मुख्य आकर्षण
भोपाल। राजधानी भोपाल के विभिन्न जैन मंदिरों में पर्यूषण महापर्व की धूमधाम से शुरुआत हुई। आत्मशुद्धि और तपस्या के इस पर्व में श्रद्धालुओं का आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। भगवान जिनेंद्र का अभिषेक और विशेष पूजा-अर्चना के साथ क्षमा धर्म की आराधना की गई। सुबह से ही मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी रही, जहां संतों के सानिध्य में तप, त्याग, और संयम की साधना की गई। कई श्रद्धालुओं ने 10 दिन के व्रत-उपवास का संकल्प लिया।
राजधानी के प्रमुख जैन मंदिरों को विशेष सजावट से सजाया गया, जिनमें नंदीश्वर जिनालय में आचार्य विनम्र सागर महाराज के सानिध्य में भगवान नेमीनाथ का अष्ट द्रव से अभिषेक किया गया। इस अवसर पर आचार्य विनम्र सागर महाराज ने क्षमा धर्म की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा, “आज के समय में क्षमा धर्म विश्व शांति का सबसे प्रबल मंत्र है। समाज, संगठन या परिवार—हर स्तर पर अहंकार को त्याग कर क्षमा मांगने और देने की आवश्यकता है। जिसने क्षमा को आत्मसात कर लिया, वही परमात्मा के निकट जा सकता है।”
*अंशुल जैन* ने बताया कि मंदिरों में संतों द्वारा क्षमा धर्म पर विशेष प्रवचन दिए गए। अशोक गार्डन जैन मंदिर में मुनि विश्व सूर्य सागर महाराज का व्याख्यान हुआ, जबकि शाहपुरा जैन मंदिर में मुनि सूदत्त और मुनि भूदत्त सागर महाराज के सानिध्य में विशेष पूजा-अर्चना संपन्न हुई।
शंकराचार्य नगर जैन मंदिर में आर्यका विमल श्री माताजी के सानिध्य में शिक्षण शिविर का शुभारंभ किया गया, वहीं मंगलवारा जैन मंदिर में आर्यका सकल मति और आर्यका समुन्नत माताजी के सानिध्य में विशेष अनुष्ठान हुआ। सोनागिरी जिनालय में भी क्षमा धर्म की आराधना की गई।
राजधानी के प्रमुख मंदिर—टीटी नगर, कस्तूरबा नगर, पिपलानी, चंदन नगर, नेमीनगर, अहिंसा विहार, सिद्धार्थ लेकसिटी, बैरागढ़, मंदाकिनी, और कोलार सहित अन्य स्थानों पर भी पर्यूषण पर्व पूरी भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। सोमवार को *उत्तम मार्दव धर्म* की आराधना की जाएगी।