कोटा, राजस्थान। राजस्थान के कोटा में दो और छात्रों ने आत्महत्या की है। नीट की तैयारी कर रही अहमदाबाद की अफ्शा शेख और जेईई की तैयारी कर रहे असम के पराग ने फांसी लगाकर अपनी जान दी। इस घटनाक्रम के साथ ही कोटा में इस महीने आत्महत्या करने वाले छात्रों की संख्या सात हो गई है।
कोटा में आत्महत्या की बढ़ती घटनाएं
कोटा को देशभर के छात्रों के लिए एक प्रमुख शिक्षा केंद्र माना जाता है, लेकिन यहां पर छात्रों की आत्महत्या की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इस माह के शुरुआत से ही कोटा में आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी हुई है, जिससे छात्रों के मानसिक दबाव और तनाव की गंभीरता पर सवाल उठने लगे हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अपील पर उठे सवाल
हाल ही में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने देशभर के छात्रों से कोटा में आकर पढ़ाई करने की अपील की थी, लेकिन लगातार हो रही आत्महत्या की घटनाओं ने इस अपील को सवालों के घेरे में ला दिया है। शिक्षा प्रणाली और कोटा के कोचिंग हब को लेकर कई सवाल अब सामने आ रहे हैं, जिनमें छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और कोचिंग संस्थानों की भूमिका पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
मनोरोग विशेषज्ञों की सलाह
विशेषज्ञों का कहना है कि छात्रों पर बढ़ते शैक्षिक दबाव, उच्च उम्मीदों का बोझ, और असफलता का डर उनकी मानसिक स्थिति को प्रभावित कर रहा है। साथ ही, कोचिंग संस्थानों में तनाव प्रबंधन के कार्यक्रम और मानसिक स्वास्थ्य के लिए सहायता का अभाव भी एक कारण है।
प्रशासन का कदम
कोटा प्रशासन ने इस मुद्दे पर संज्ञान लेते हुए कोचिंग संस्थानों को मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों की शुरुआत करने के लिए निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, कोटा में छात्रों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।