भोपाल । केंद्र सरकार द्वारा यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की गजट अधिसूचना 24 जनवरी 2025 को जारी की गई। पहले अगस्त 2024 में UPS की घोषणा हुई थी, तब ही इसमें कई खामियां उजागर हुई थीं। लेकिन अब इस अधिसूचना ने कर्मचारियों के बची-खुची उम्मीदों को भी तोड़ दिया है।
UPS: 50% पेंशन का लॉलीपॉप या धोखा?
UPS के तहत कर्मचारियों से 25 साल तक 10% अंशदान कटने के बावजूद 50% पेंशन मिलना असंभव बताया जा रहा है। नई अधिसूचना में सरकार ने ‘बेंचमार्क कॉर्पस’ नामक एक नया टर्म जोड़ा है, जिससे 50% पेंशन पाने की शर्त और कठिन हो गई है।
UPS की प्रमुख शर्तें और धोखे
25 साल की सेवा पूरी करने पर ही 50% पेंशन – अंतिम 12 महीने की औसत सैलरी का 50% ही पेंशन बनेगी, लेकिन यह 58 या 60 वर्ष की उम्र में ही शुरू होगी। यदि कोई कर्मचारी VRS लेता है, तो उसे पेंशन नहीं मिलेगी।
25 साल से कम सेवा वालों को कम पेंशन – 20 साल की सेवा पर सिर्फ 40% पेंशन मिलेगी।
कम से कम 10,000 रुपये पेंशन की गारंटी – लेकिन यह तभी संभव होगा जब कर्मचारी ने 10 साल तक अंशदान दिया हो।
कर्मचारी अंशदान जब्त होगा – UPS खाते में कर्मचारी द्वारा जमा की गई राशि में से केवल 2 गुना सेवा वर्ष के अनुसार कुछ हिस्सा ही मिलेगा, बाकी रकम सरकार जब्त कर लेगी।
बेंचमार्क कॉर्पस: 50% पेंशन की असली शर्त!
– सरकार ने ‘बेंचमार्क कॉर्पस’ नामक नया प्रावधान जोड़ा है, जिससे UPS खाते में एक निर्धारित न्यूनतम राशि (कॉर्पस) का होना अनिवार्य होगा।
– यदि यह राशि कर्मचारी के खाते में नहीं हुई, तो उसे 50% पेंशन नहीं मिलेगी।
बेंचमार्क कॉर्पस क्या है?
सरकार ने यह तय किया है कि कर्मचारी को 50% पेंशन तभी मिलेगी, जब उसके UPS खाते में पर्याप्त फंड जमा हो। उदाहरण के लिए:
यदि किसी कर्मचारी का अंतिम वेतन ₹50,000 है, तो उसे ₹25,000 मासिक पेंशन के लिए 60 लाख रुपये का कॉर्पस चाहिए होगा।
यदि खाते में 50 लाख ही जमा हुए, तो उसे केवल ₹20,833 ही पेंशन मिलेगी।
UPS vs. NPS: क्या फर्क रह गया?
अब सवाल उठता है कि अगर पेंशन को ही कॉर्पस के आधार पर तय करना था, तो NPS और UPS में क्या फर्क बचा? UPS में सरकार ने NPS के ही पैसे रख लिए और कर्मचारियों को DA/DR देने का वादा किया, लेकिन अतिरिक्त कोई लाभ नहीं दिया।
सरकार की नई चाल: अंशदान का बंटवारा
UPS में अब सरकार 10% और कर्मचारी 10% अंशदान करेगी।
लेकिन सरकार अपने 8.5% अंशदान को ‘पूल कॉर्पस’ में डालेगी, जो DA भुगतान के लिए सुरक्षित रहेगा।
यानी कर्मचारी को पेंशन पाने के लिए अपने 10% और सरकार के 10% को मिलाकर ही बेंचमार्क कॉर्पस पूरा करना होगा, जो अब लगभग असंभव हो गया है।
बजट 2025 में वेतन आयोग और पेंशन बढ़ोतरी का जिक्र नहीं!
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि UPS गजट में वेतन आयोग, 80+ उम्र के बाद पेंशन वृद्धि, या वेतन पुनरीक्षण का कोई जिक्र नहीं है।
UPS को ‘पेंशन’ का दर्जा भी नहीं दिया गया – इसे केवल ‘सुनिश्चित भुगतान’ कहा गया है।
सरकार ने कर्मचारियों को ‘पेंशनर्स’ की श्रेणी से भी बाहर कर दिया।
UPS: कर्मचारियों के लिए घाटे का सौदा?
सरकारी कर्मचारियों को OPS बहाली की जरूरत
UPS में बेंचमार्क कॉर्पस की बाध्यता कर्मचारियों के लिए नई मुश्किल
NPS से भी कम फायदे UPS में मिलने की संभावना
अब कर्मचारियों को तय करना होगा कि UPS उनके लिए फायदेमंद है या एक और बड़ा धोखा। क्या सरकार इस पेंशन सिस्टम को और पारदर्शी बनाएगी, या कर्मचारी संघर्ष को मजबूर होंगे?