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वाराणसी को मिला देश का सबसे चौड़ा रेल-सड़क पुल का उपहार

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में वाराणसी को एक और बड़ी सौगात मिली है। अगर यहां की जनता ने मोदी को तीसरी बार सांसद चुनकर भरोसा जताया है, तो मोदी ने भी वाराणसी के विकास को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। बीते दशक में प्रधानमंत्री ने शहर को रेल, सड़क, एयरपोर्ट, डेयरी, स्वास्थ्य, कृषि, सौर ऊर्जा, खेल, पर्यटन और शिक्षा सहित कई क्षेत्रों में अद्वितीय संसाधनों का तोहफा दिया है।

इस साल के अंत में सरकार ने वाराणसी को देश के सबसे चौड़े रेल-सड़क पुल के निर्माण की मंजूरी देकर क्षेत्र के विकास को और गति दी है। इस पुल के पूरा होने से वाराणसी की कनेक्टिविटी बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से सड़क और रेल मार्गों के माध्यम से और मजबूत हो जाएगी। परियोजना पर लगभग ₹2642 करोड़ का खर्च आने का अनुमान है और इसे चार साल में पूरा कर लिया जाएगा।

पुराने पुल की जगह लेगा आधुनिक पुल

फिलहाल, वाराणसी में चौकाघाट पुल (जिसे पहले डफरिन और बाद में मालवीय ब्रिज कहा गया) 100 साल की उम्र पूरी कर चुका है। पुल के जर्जर होने के कारण इस पर भारी वाहनों की आवाजाही पर लंबे समय से प्रतिबंध है। नया पुल तैयार होने के बाद यह न केवल यातायात में सुगमता लाएगा, बल्कि वाराणसी के विकास को भी नई दिशा देगा।

मोदी का 20 अक्टूबर को वाराणसी दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 20 अक्टूबर को वाराणसी दौरा प्रस्तावित है, जहां वह शहर को ₹6611 करोड़ की नई योजनाओं की सौगात देंगे। इस कार्यक्रम में कुछ नई परियोजनाओं का शिलान्यास और कुछ पूर्ण परियोजनाओं का लोकार्पण होगा। इस मौके पर सिगरा स्पोर्ट्स स्टेडियम में प्रधानमंत्री की जनसभा आयोजित की जाएगी, जिसमें 20,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है।

भीड़ प्रबंधन के लिए पुलिस प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं ताकि आयोजन सुचारू रूप से संपन्न हो सके। वाराणसी के विकास को लेकर मोदी का दूरदर्शी दृष्टिकोण नई योजनाओं के माध्यम से धीरे-धीरे साकार

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