राजस्थान: आदमखोर तेंदुए का आतंक जारी, 12 दिन में 8 लोगों की मौत, देखते ही गोली मारने के आदेश
डूंगरपुर: राजस्थान के उदयपुर जिले के गोगुंदा क्षेत्र में आदमखोर तेंदुए (लेपर्ड) का खौफ लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले 12 दिनों में तेंदुए ने 8 लोगों की जान ले ली है, जिससे पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। ताजा घटना में मंगलवार सुबह तेंदुए ने एक घर में घुसकर महिला पर हमला किया और उसे मार डाला। इस घटना के बाद ग्रामीणों का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने नेशनल हाईवे जाम करने की कोशिश की।
आदमखोर तेंदुए के खिलाफ ‘देखते ही गोली मारने’ के आदेश
लगातार हो रहे हमलों और तेंदुए को पकड़ने में वन विभाग की नाकामी के बाद, अब राज्य सरकार ने इसे तुरंत खत्म करने के लिए ‘देखते ही गोली मारने’ के आदेश जारी कर दिए हैं। उदयपुर के मुख्य वन संरक्षक पवन कुमार उपाध्याय ने मीडिया को बताया कि प्रशासन ने सभी जरूरी कदम उठाए हैं और अब आदमखोर तेंदुए को देखते ही मार गिराने की अनुमति दी गई है।
12 दिनों में 8 लोगों की मौत, 20 किमी के दायरे में तेंदुए का आतंक
गोगुंदा क्षेत्र में 20 किलोमीटर के दायरे में यह तेंदुआ हर दिन हमले कर रहा है। अब तक इसके शिकार बने लोगों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं, जो या तो खेतों में काम कर रहे थे या फिर घर के आसपास गतिविधियों में व्यस्त थे।
वन विभाग और प्रशासन की नाकामी पर ग्रामीणों का गुस्सा
गोगुंदा और आसपास के ग्रामीणों में प्रशासन की नाकामी को लेकर काफी नाराजगी है। तेंदुए को पकड़ने के लिए पहले सेना की टीम लगाई गई थी, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद ड्रोन, दूरबीन और ट्रैंकुलाइजर्स से तेंदुए की तलाश की जा रही है। पिछले दिनों में चार तेंदुए पकड़े गए, लेकिन हमलों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा।
ग्रामीणों में खौफ, घर से बाहर निकलने में डर
तेंदुए के हमलों से ग्रामीण इतने खौफजदा हो गए हैं कि वे अब घर से बाहर निकलने से भी डर रहे हैं। खेती, पशुपालन और दैनिक गतिविधियां ठप पड़ी हैं। खासकर, बच्चे और महिलाएं घर से बाहर कदम रखने में भी कतराने लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि तेंदुए को जल्द नहीं मारा गया, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
वन मंत्री ने दिए सेना की मदद लेने के संकेत
राज्य के वन मंत्री संजय शर्मा ने कहा है कि तेंदुए को खत्म करने के लिए सेना की मदद एक बार फिर ली जाएगी। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि जल्द ही इस आदमखोर तेंदुए को मार गिराया जाएगा ताकि इलाके में शांति बहाल हो सके।
वन विभाग के असफल प्रयास
तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग ने पिंजरे, ट्रैंकुलाइजर्स, और यहां तक कि ढोल बजाने जैसी रणनीतियों का भी सहारा लिया, लेकिन सभी प्रयास अब तक बेकार साबित हुए हैं। ग्रामीणों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वन विभाग अब सख्त कदम उठा रहा है।