एम्स भोपाल में एआई-आधारित कैंसर स्क्रीनिंग पर कार्यशाला: कैंसर निदान में क्रांतिकारी बदलाव की ओर कदम

भोपाल, । एम्स भोपाल में “एआई के माध्यम से साइटोलॉजी स्क्रीनिंग: कैंसर निदान में प्रगति” विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यशाला में 40 से अधिक पैथोलॉजिस्ट, ऑन्कोलॉजिस्ट और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के विशेषज्ञों ने भाग लिया।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से कैंसर निदान में क्रांति

एक बूंद रक्त से कैंसर की पहचान: एआई-संचालित लिक्विड बायोप्सी तकनीक महंगे सीटी स्कैन और एमआरआई की आवश्यकता को कम कर सकती है।
प्रारंभिक चरण में सटीक निदान: बिना लक्षण वाले मरीजों में भी कैंसर का शीघ्र और सटीक पता लगाने में सक्षम।
मशीन लर्निंग एल्गोरिदम के माध्यम से कैंसर की आनुवंशिक प्रवृत्ति और जोखिम का आकलन संभव।

विशेषज्ञों की राय

प्रो. (डॉ.) अजय सिंह:
“एआई कैंसर निदान को पूरी तरह बदल सकता है। यह तकनीक स्क्रीनिंग को तेज और सुलभ बनाकर लाखों लोगों की जान बचाने में मदद करेगी, खासकर दूरदराज और पिछड़े क्षेत्रों में।”

प्रोफेसर जगत आर. कंवर:
“एआई-संचालित निदान से व्यक्तिगत उपचार संभव होगा, जिससे कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों में कमी आएगी और मरीजों की तेजी से रिकवरी होगी।”

कार्यशाला की प्रमुख विशेषताएं

एआई-आधारित डिजिटल पैथोलॉजी तकनीक प्रस्तुत की गई, जिससे स्पष्ट डिजिटल छवियों के माध्यम से तत्काल चिकित्सा हस्तक्षेप संभव हो सका।
ऑप्ट्रास्कैन अल्ट्रा और ऑप्ट्रास्कैन लाइट जैसे दो अत्याधुनिक एआई सिस्टम पेश किए गए।
ऑन-स्पॉट एआई एनालिसिस के जरिए 80 से 480 स्लाइड स्कैनिंग की क्षमता प्रदर्शित की गई।
गूगल LYNA, आईबीएम वॉटसन और स्टैनफोर्ड चेक्सनेट जैसी उन्नत एआई तकनीकों पर चर्चा।

कैंसर निदान के लिए एआई का भविष्य

एम्स भोपाल का लक्ष्य – ग्रामीण अस्पतालों और छोटे क्लीनिकों में एआई-संचालित कैंसर स्क्रीनिंग को लागू करना।
महंगे मेडिकल परीक्षणों पर निर्भरता कम होगी, जिससे रोगियों को सटीक, किफायती और व्यापक निदान मिलेगा।
व्यक्तिगत चिकित्सा समाधान विकसित होंगे, जिससे कैंसर उपचार अधिक प्रभावी और रोगी-केंद्रित होगा।

यह कार्यशाला एआई और चिकित्सा जगत के संगम का एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे कैंसर निदान अधिक प्रभावी, किफायती और व्यापक रूप से सुलभ हो सकेगा।

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