मुनि शुभम सागर महाराज की संलेखना पूर्वक समाधि

भोपाल: नंदीश्वर जिनालय में आज प्रातः 4:45 बजे मुनि श्री शुभम सागर महाराज ने आचार्य 108 विनम्र सागर जी महाराज के ससंघ मंगल सानिध्य में संलेखना पूर्वक समाधि मरण प्राप्त किया। उनके समाधि संस्कार का आयोजन अतिशय क्षेत्र समसगढ़ में पंडित जयदीप द्वारा संपन्न कराया गया।

प्रवक्ता अंशुल जैन ने बताया कि मुनि श्री शुभम सागर महाराज, जो गृहस्थ जीवन में मोतीलाल जैन के नाम से जाने जाते थे, ने 95 वर्ष की आयु में निर्यापक मुनि श्री 108 सुहित सागर जी महाराज के समक्ष संन्यास लेने की इच्छा व्यक्त की थी। उन्हें दिनांक 12 अक्टूबर को आचार्य सुंदर सागर जी महाराज के प्रभावी शिष्य मुनि श्री सुहित सागर जी महाराज द्वारा मुनि दीक्षा प्रदान की गई थी। दीक्षा समारोह में उनके पुत्र श्रीकांत जैन, राकेश जैन और मनोज जैन ने भी संयममय जीवन जीने का संकल्प लिया।

मुनि श्री शुभम सागर महाराज की अंतिम संलेखना नंदीश्वर जिनालय में निर्विकल्प भावों के साथ आचार्य विनम्र सागर महाराज के मार्गदर्शन में चल रही थी। जैन दर्शन के अनुसार संलेखना मरण को मृत्यु महोत्सव के रूप में देखा जाता है, जिसमें आत्मा की मुक्ति का उत्सव मनाया जाता है।

समाधि के समय देवेन्द्र रुचि, ऋषभ जैन, प्रगति कैलाश सिंघई, प्रबोध शाह, संतोष मोदी और मनोज चौधरी सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे और अंतिम संस्कार में भाग लिया।

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