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बांग्लादेश हिंसा: चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका खारिज, हिंदू समुदाय में निराशा

ढाका। बांग्लादेश में हिंसा मामले में गिरफ्तार इस्कॉन के पूर्व नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की जमानत याचिका चट्टोग्राम कोर्ट ने खारिज कर दी है। 42 दिनों से जेल में बंद चिन्मय दास को अदालत से राहत मिलने की उम्मीद थी, लेकिन गुरुवार को सुनवाई के बाद उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई।

कोर्ट के फैसले पर हिंदू समुदाय की प्रतिक्रिया
इस फैसले से वैश्विक हिंदू समुदाय और उनके समर्थकों में गहरी निराशा है। कोलकाता इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधा रमन दास ने कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हमें उम्मीद थी कि नए साल में चिन्मय दास को राहत मिलेगी। बांग्लादेश सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें न्याय मिले।”

गिरफ्तारी के पीछे विवाद और आरोप
चिन्मय कृष्ण दास पर हिंसा भड़काने और कॉमर्स पार्टनरशिप के तहत फंसाने के आरोप लगाए गए हैं। हालांकि, उनके समर्थकों और अनुयायियों का कहना है कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है और उन्हें बेवजह निशाना बनाया गया है।

समर्थकों की अपील
चिन्मय दास के अनुयायियों ने बांग्लादेश सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका कहना है कि चिन्मय दास धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए समर्पित हैं और उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया जा रहा है।

इस मामले की पृष्ठभूमि
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हिंसा के मामले अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। चिन्मय दास की गिरफ्तारी ने इस विवाद को और गहरा कर दिया है। इससे पहले भी धार्मिक मामलों में इस तरह के आरोप लगने पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हुई है।

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