गोहद: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपने 99 वर्ष पूरे करते हुए 100वें वर्ष में प्रवेश का शुभारंभ किया। इसी अवसर पर संघ के स्वयंसेवकों द्वारा गोहद नगर में घोष दल के साथ भव्य पथ संचलन निकाला गया। संचलन का रूट बस स्टैंड से अटल चौक, गंज बाजार, बड़ा बाजार होते हुए सती बाजार और श्याम वाटिका तक रहा। स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में कदम से कदम मिलाते हुए अनुशासन का प्रदर्शन किया।
संचलन के दौरान नगर के गली-मोहल्लों और प्रमुख बाजारों में नागरिकों, व्यापारियों, महिलाओं और युवाओं ने पुष्पवर्षा के साथ संघ का गर्मजोशी से स्वागत किया।
प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर रामभूषण दास जी महाराज (खनेता धाम) ने की। खंड संघचालक डॉ. दिलीपसिंह भदौरिया, नगर संघचालक, और मुख्य वक्ता के रूप में विभाग संघचालक महेंद्र शर्मा भी उपस्थित रहे।
शस्त्र पूजन और दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम का शुभारंभ
परम पूज्य रामभूषण दास जी महाराज ने शस्त्र पूजन और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने स्वयंसेवकों को आशीर्वचन देते हुए कहा, “भारत भूमि पुण्य और अवतारों की भूमि है। जब भी सनातन संस्कृति पर संकट आता है, संघ के स्वयंसेवक समाज की रक्षा के लिए आगे आते हैं।”
संगठन की शक्ति और पंच परिवर्तन पर जोर
मुख्य वक्ता महेंद्र शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि यदि भारत को विश्व मंच पर अपनी सशक्त उपस्थिति बनाए रखनी है, तो हिंदू समाज को संगठित और शक्तिशाली बनाना होगा। उन्होंने संघ की पंच परिवर्तन योजनाओं पर विशेष जोर दिया:
1. कुटुंब प्रबोधन: परिवार की एकता और सामूहिकता को बढ़ावा देना।
2. पर्यावरण संरक्षण: पृथ्वी की सुरक्षा के लिए पर्यावरण संरक्षण आवश्यक है।
3. स्वदेशी अपनाना: देश में बनी वस्तुओं को प्राथमिकता देकर आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना।
4. नागरिक कर्तव्य: बिजली, जल, और स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी निभाना।
5. समरसता: जाति-भेद और भेदभाव से ऊपर उठकर हर नागरिक को बंधु मानना।
इस पथ संचलन ने न केवल संघ के अनुशासन और संगठन की झलक दिखाई, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को जोड़ने का भी संदेश दिया।