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मध्य प्रदेश में स्थाई कर्मियों के वेतनमान संशोधन की मांग तेज, वित्त मंत्री को सौंपा ज्ञापन

भोपाल। मध्य प्रदेश के 42 हजार स्थाई कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन न होने के कारण इन कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिससे उन्हें हर माह करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने वित्त मंत्री को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि स्थाई कर्मियों के वेतनमान में जल्द संशोधन किया जाए ताकि उन्हें आर्थिक लाभ मिल सके।

मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि राज्य सरकार ने 2016 में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थाई कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया था, जिसमें कुशल, अर्ध कुशल और अकुशल कर्मियों के लिए अलग-अलग वेतनमान और वार्षिक वेतन वृद्धि का प्रावधान किया गया था। उदाहरण के लिए, कुशल स्थाई कर्मियों के लिए ₹5000-100-8000 के वेतनमान और वार्षिक वेतन वृद्धि का आदेश दिया गया था। हालांकि, पिछले दो वर्षों से सभी स्थाई कर्मी अपने निर्धारित वेतनमान को पार कर चुके हैं, लेकिन वेतनमान में संशोधन न होने के कारण उन्हें वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिल रहा है।

कर्मचारी मंच ने पिछले 8 वर्षों से वेतनमान में संशोधन न किए जाने को लेकर सरकार से नाराजगी जताई है और इस दिशा में तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है। मंच का कहना है कि वेतनमान में वृद्धि और वार्षिक वेतन वृद्धि का आर्थिक लाभ देने से स्थाई कर्मियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

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