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सार्वजनिक उद्योगों को निजी हाथों में जाने से बचाना होगा, कांग्रेस को मजबूत करें : डॉ. चरणदास महंत

श्रमिक संगठन सीटू के पदाधिकारियों से नेता प्रतिपक्ष ने की मुलाकात
कोरबा । लोकसभा निर्वाचन के मद्देनजर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कांग्रेस को मजबूती के साथ केंद्र में सरकार बनाने के लिए अपना अभियान जारी रखते हुए श्रमिक संगठन सीटू के पदाधिकारियों से मुलाकात कर उनकी बैठक ली। देश के सभी वामपंथी दल इंडिया गंठबंधन में शामिल हैं और केंद्र की मौजूदा सरकार के द्वारा संविधान, लोकतंत्र व सार्वजनिक उद्योगों को संकट से बचाने के लिए लगातार संघर्षरत हैं।
डॉ. महंत ने कहा कि हर बार के चुनावों से कुछ अलग यह चुनाव निर्णायक साबित होने वाला है जो देश की दिशा और दशा को बदलेगा। पिछले 10 वर्षों में देश को मनमाने तरीके से संचालित किया जाता रहा है। बहुमत का बेजा इस्तेमाल कर निर्णय थोपे जाते रहे और जब विरोध हुआ तो सदन में विपक्ष को निलंबित कर दिया गया। इस तरह की मनमानी आगे और बढऩे न पाए। देश के लाभकारी उद्योगों की स्थापना कांग्रेस शासन काल में हुई और लाभ वाले उद्योगों को भी भाजपा की सरकार ने चंद उद्योगपतियों के हाथों बेच दिया। आज मजदूर संगठनों के साथ-साथ मजदूर भी शोषित और पीडि़त है। भाजपा विपक्ष विहिन संसद की कल्पना कर रहा है और उसने किसानों के जीवन के लिए महत्वपूर्ण किसान बिल और 29 श्रम कानूनों को खत्म कर श्रम संहिता लागू की है। इस तरह से सरकार ने किसानों मजदूरों, युवाओं, महिलाओं और आम जनता को हर मौके पर प्रताडि़त करने का ही काम किया है। भाजपा की कार्पोरेट परस्त नीतियां एवं पूंजी का असमान वितरण, सार्वजनिक उद्योगों के खात्मे का अभियान, कोयला उद्योगों पर लगातार किए जा रहे हमले, कोल इंडिया के शेयर लगातार सरकार द्वारा बेचे जाने के परिणाम भयानक होने लगे हैं। भविष्य में यह परिणाम और भी भयानक होंगे जब कार्पोरेट परस्त भाजपा की सरकार अपने इरादे में कामयाब हो जाएगी, इसलिए हम सबको मिलकर ऐसे खतरनाक मंसूबे को कामयाब नहीं होने देना है और कोरबा से लेकर केंद्र में कांग्रेस को भारी मतों से चुनकर लाना है। बैठक में उपस्थित सांसद ज्योत्सना महंत ने भी श्रमिक संगठन के पदाधिकारियों से आशीर्वाद मांगा।
बैठक में वी.एम. मनोहर, खगेश्वर राम, सुरेंद्र कुमार, मनोज कुमार, संतोष कुमार, डी.पी. सिंह, डी.पी. लहरे, जे.एल. चौहान, एन.जे. तिर्की, चेतन लाल मंडावी, के.आर. कश्यप, बी.एल. साहू, बी.एल. साहू, बी.एस. पवार, भुनेश्वर सिंह, जी. राजेश, एस. राजेश पिलई, मकुंद सिंह शरडे, अनिल कुमार, लीलाम्बर शर्मा, एस. सामंता, आर.के. सुरजे, ए.एल. साहू, शिशुपाल सिंह यादव, ईश्वरी प्रसाद केशरवानी, संतोष कुमार शाह, संपत लाल, राहुल कुमार, मो. सद्दाम हुसैन, साजी टी. जॉन, अनुप सरकार, धरमलाल टंडन, मनोहर लाल साहू, श्याम कुमार खूंटे, समीर अंसारी, मोहन प्रधान, सुनील धीवर, एम. पटेल, शिव कश्यप, सहज कुमार, दिलीप कुमार वैष्णव आदि उपस्थित थे।

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