भोपाल। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने प्रांतीय समिति की बैठक में यह फैसला लिया है कि प्रदेश भर में 1 दिसंबर 2024 से जन जागरण अभियान की शुरुआत की जाएगी। इस आंदोलन के तहत 56 जिलों में स्थाई और अनियमित कर्मचारियों की 10 सूत्रीय मांगों को राज्य सरकार के समक्ष जोर-शोर से उठाया जाएगा।
कर्मचारियों की मुख्य मांगें
बैठक में निम्नलिखित मांगों को प्रमुखता से रखा गया:
1. स्थाई कर्मचारियों का वेतनमान संशोधन:
अकुशल कर्मियों को ₹10,000 प्रतिमाह।
अर्ध-कुशल कर्मियों को ₹12,500 प्रतिमाह।
कुशल कर्मियों को ₹15,000 प्रतिमाह।
2. अनुकंपा नियुक्ति का लाभ।
3. स्थानांतरण सुविधा।
4. सेवानिवृत्ति और मृत्यु पर ₹10 लाख ग्रेच्युटी।
5. दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण।
6. अंशकालिक कर्मचारियों का वेतन ₹10,000 प्रतिमाह और नियमितीकरण।
7. केंद्र सरकार के समान प्रदेश श्रमिकों का वेतन ₹20,000 प्रतिमाह।
8. सभी अनियमित श्रमिकों का ₹50 लाख का बीमा निशुल्क।
9. पेंशन सुविधा का लाभ।
10. प्रतिवर्ष 60 दिन सवेतन अवकाश।
कर्मचारी मंच का सरकार पर आरोप
मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांताध्यक्ष अशोक पांडे ने कहा कि राज्य सरकार पिछले 20 वर्षों से अनियमित कर्मचारियों और श्रमिकों की उपेक्षा कर रही है। उन्होंने बताया कि बार-बार ज्ञापन देने के बावजूद भी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
वेतन बढ़ोतरी नहीं हो रही।
दैनिक वेतन भोगी और अंशकालीन कर्मचारियों को नियमित नहीं किया जा रहा।
श्रमिकों को पीएफ, बीमा, पेंशन और अवकाश जैसी सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है।
पांडे ने नौकरशाही पर दमनकारी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कर्मचारियों के अधिकारों का हनन हो रहा है, जिससे लाखों कर्मचारियों और श्रमिकों में असंतोष बढ़ गया है।
भोपाल से शुरू होगा सत्याग्रह आंदोलन
प्रांताध्यक्ष ने कहा कि यदि 10 सूत्रीय मांगों पर राज्य सरकार तुरंत कार्रवाई नहीं करती, तो भोपाल में अनिश्चितकालीन सत्याग्रह शुरू किया जाएगा। इस आंदोलन में प्रदेशभर के लाखों कर्मचारी और श्रमिक शामिल होंगे।
बैठक में उपस्थित प्रमुख सदस्य
बैठक में अशोक पांडे, राजू सिंह, घनश्याम कटारे, जेम्स एंथनी, हरि सिंह गुर्जर, सुनील पाठक, शिव प्रसाद सागुले, दिनेश श्रीवास्तव, श्यामलाल विश्वकर्मा, भूपेंद्र पांडे समेत कई कर्मचारी नेता मौजूद थे।
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