बहराइच । बहराइच जिले में वन विभाग की टीम ने लंगड़े भेड़िये को पकड़ने के लिए आधुनिक तकनीकों जैसे ड्रोन, इंफ्रारेड और थर्मल इमेजिंग कैमरों का इस्तेमाल किया है, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके अलावा, बच्चों के पेशाब से भीगी टेडी बियर डॉल्स, हाथी की लीद, और पटाखों का इस्तेमाल भी किया गया। अब वन विभाग ने इस भेड़िये को पकड़ने के लिए एक नया इश्क वाला फॉर्मूला अपनाया है। वन विभाग के अधिकारी लाउडस्पीकर पर मादा भेड़िये की प्री-रिकॉर्डेड आवाज बजाकर उसे फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। बहराइच के डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर (डीएफओ) अजीत प्रताप सिंह ने कहा कि इस बार मादा भेड़िये की चीखने और रोने की आवाजों का इस्तेमाल किया जा रहा है, ताकि लंगड़ा भेड़िया आकर्षित होकर जाल में फंस जाए।
आदमखोर भेड़ियों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है, जिससे स्थानीय लोग भयभीत और चिंतित हैं। भेड़ियों ने अब तक कई बच्चों और महिलाओं पर हमला किया है, जिसके बाद ऑपरेशन भेड़िया के तहत उन्हें पकड़ने के प्रयास हो रहे हैं। अब तक पांच भेड़ियों को पकड़ लिया गया है, लेकिन एक लंगड़ा भेड़िया अभी भी लोगों के लिए खतरा बना हुआ है।महसी तहसील के 50 गांवों के हजारों लोग इन भेड़ियों के हमलों से परेशान हैं। मार्च से भेड़ियों के हमले शुरू हुए थे, लेकिन जुलाई के बाद हमलों में तेजी आ गई। भेड़िये अब तक दस लोगों की जान ले चुके हैं और 35 से अधिक लोगों को घायल कर चुके हैं। सरकार ने जान गंवाने वाले पीड़ित परिवारों को 5 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है। लोगों को उम्मीद है कि वन विभाग का यह नया तरीका सफल होगा और जल्द ही इस लंगड़े भेड़िये का आतंक खत्म होगा।