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वन कर्मचारी को पहली बार मिला शहीद का दर्जा, लेकिन सम्मान अधूरा

भोपाल: मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद पहली बार किसी वन कर्मचारी को कर्तव्य निर्वहन के दौरान निधन होने पर शहीद का दर्जा दिया गया है। हालांकि, राज्य शासन द्वारा जो सम्मान शहीदों को दिया जाता है, वह सम्मान इस वन कर्मचारी को नहीं मिला है। वन कर्मचारी मंच ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि शहीद घोषित होने पर वन कर्मचारियों को भी पुलिस विभाग के समान सम्मान और दर्जा दिया जाए।

वनपाल राजेंद्र कुशरे को शहीद घोषित

वन कर्मचारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि पहली बार डिंडोरी वन मंडल के वनपाल राजेंद्र कुशरे को कर्तव्य निर्वहन के दौरान निधन होने पर मध्य प्रदेश शासन वन विभाग ने शहीद घोषित किया है। उनके परिवार को 25 लाख रुपये विशेष अनुग्रह अनुदान भुगतान करने के आदेश जारी किए गए हैं।

सम्मान में कमी

हालांकि, राज्य शासन ने शहीद घोषित करने पर जो सम्मान जिला प्रशासन के द्वारा शहीद कर्मचारी को दिया जाता है, वह सम्मान देने के निर्देश जारी नहीं किए हैं। मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद वन कर्मचारियों को अधूरा शहीद का दर्जा दिया गया है, जिससे वन कर्मचारियों में असंतोष व्याप्त है।

कर्मचारियों की मांग

वन कर्मचारी नरेंद्र पयासी, हरि सिंह गुर्जर, लव प्रकाश पाराशर, देवेंद्र यादव, योगेंद्र सिंह तोमर, राजू उपाध्याय आदि ने मुख्यमंत्री से पुलिस कर्मचारियों के समान शहीद का दर्जा देने की मांग की है।

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