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भगवान भक्त की भावना देखते हैं, अमीरी-गरीबी नहीं: संतश्री ज्ञानदेव महाराज

फूलों की होली के साथ श्रीमद्भागवत कथा का हुआ समापन

भोपाल। आशीर्वाद धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक आयोजन समिति के तत्वावधान में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का समापन फूलों की होली के उल्लासपूर्ण आयोजन के साथ हुआ। सातवें दिन व्यासपीठ से प्रवचन देते हुए संतश्री ज्ञानदेव महाराज ने कहा कि भगवान केवल भक्त की भावना को देखते हैं, न कि उसकी अमीरी या गरीबी को। उन्होंने सुदामा चरित्र का उल्लेख करते हुए कहा, “भगवान ने सुदामा की दीनता नहीं, बल्कि उनकी भावना को देखा और सखा भाव को स्वीकार किया। भगवान मित्रता में धन या सामाजिक स्थिति को नहीं देखते, वे तो केवल सच्चे भाव के भूखे हैं।”

संतश्री ने कहा, “भाव से जो भजता है, उसे भवसागर से पार लगने में कोई बाधा नहीं होती।” इसके बाद दिव्य फूलों की होली का आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

विशेष अतिथियों की उपस्थिति

कार्यक्रम के संयोजक अरविंद सिंह चौहान ने बताया कि राजीव नगर, दुर्गा मंदिर, सेमरा कलां स्थित एकतापुरी भागवत ग्राउंड में आयोजित इस कथा में हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। आयोजन के दौरान कई विशिष्ट अतिथि भी उपस्थित रहे, जिनमें शामिल हैं:

पंडित विष्णु राजोरिया: अध्यक्ष, परशुराम कल्याण बोर्ड, मध्य प्रदेश।

डॉ. अभिजीत देशमुख: आरोग्य भारती महानगर प्रमुख एवं भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष।

हेमंत सिंह परिहार: चेयरमैन, झरनेश्वर नागरिक सहकारी बैंक।

प्रकांत तिवारी: विधायक प्रतिनिधि।

संदीप चौकसे: भाजपा मंडल अध्यक्ष।

दीपक ठाकुर: अध्यक्ष, मात्रछाया दशहरा उत्सव समिति।

सूर्यकांत गुप्ता: पार्षद, वार्ड 69 एवं जोन अध्यक्ष।
इसके अलावा, क्षेत्रीय प्रशासन और सामाजिक संगठनों के प्रमुख लोग भी मौजूद रहे।


14 वर्षों की सफल परंपरा

यह आयोजन समिति द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का 14वां सफल वर्ष था। प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक संतश्री ज्ञानदेव महाराज ने भक्तों को भागवत के विभिन्न प्रसंग सुनाकर भावविभोर किया।

समिति ने कार्यक्रम को सफल बनाने वाले सभी सहयोगियों और श्रद्धालुओं का आभार प्रकट किया। आयोजकों ने इस भव्य आयोजन के अगले वर्ष भी जारी रहने की कामना की।

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