उच्च न्यायालय ने बुरहानपुर कलेक्टर पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया, जिलाबदर आदेश को किया रद्द
जबलपुर: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने बुरहानपुर के कलेक्टर पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और जिले के जदयू कार्यकर्ता अंतराम अवासे के खिलाफ जिलाबदर के आदेश को रद्द कर दिया। यह मामला बुरहानपुर जिले में वनों से जुड़े अवैध अपराधों की शिकायतों पर आधारित था। 22 जनवरी को न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की अदालत ने यह निर्णय सुनाया और राज्य शासन को यह निर्देश दिया कि यदि वह चाहे तो यह जुर्माना व्यक्तिगत रूप से भी वसूल किया जा सकता है।
अंतराम अवासे ने बुरहानपुर जिले में हो रही अवैध वन कटाई की शिकायतें जिला प्रशासन और वन विभाग से की थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद, जिला प्रशासन ने उनके खिलाफ 11 अपराध दर्ज कर जिलाबदर का आदेश जारी कर दिया। यह मामला राजनीतिक दबाव के कारण उत्पन्न हुआ था, जिसमें अंतराम अवासे द्वारा उठाए गए मुद्दे पर प्रशासनिक प्रतिक्रिया न मिलने के कारण मामला अदालत में पहुंचा।
कोर्ट ने इस पर स्पष्ट टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर राजनीतिक दबाव में ऐसा आदेश जारी किया जाता है, तो यह न्यायिक प्रक्रिया के खिलाफ है। कलेक्टर और अन्य अधिकारियों द्वारा बिना विवेक के यह आदेश जारी किया गया था, और यह लोक शांति तथा सुरक्षा के लिए कोई खतरा पैदा नहीं करता था।
कोर्ट के आदेश के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि राजनीतिक दबाव के चलते प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई को न्यायालय ने अवैध करार दिया है, और जुर्माना लगाने के साथ-साथ जिलाबदर के आदेश को भी रद्द कर दिया।