भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार ने जेलों में बंद कैदियों के हित में बड़ा कदम उठाते हुए बंदी जेल सुधार अधिनियम को लागू करने का फैसला लिया है। इस अधिनियम के तहत कैदियों के जीवन स्तर और जेलों की व्यवस्था में व्यापक सुधार किए जाएंगे। राज्य सरकार ने इस संबंध में आधिकारिक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है, जिससे जल्द ही जेलों में कई अहम बदलाव देखने को मिलेंगे।
अधिनियम के लागू होने से क्या होंगे बदलाव?
1. जेलों में सुविधाओं का विस्तार: बंदियों के स्वास्थ्य, शिक्षा और पुनर्वास की दिशा में खास प्रयास किए जाएंगे, ताकि उन्हें बेहतर जीवनशैली मुहैया कराई जा सके।
2. मानवाधिकारों की सुरक्षा: नए अधिनियम के तहत कैदियों के मानवाधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जाएगी। इसके अंतर्गत कैदियों के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
3. स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार: जेलों में चिकित्सा सेवाओं को मजबूत किया जाएगा, जिससे कैदियों को समय पर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें और बीमारियों से बचाव हो सके।
4. पुनर्वास योजनाएं: कैदियों के रिहाई के बाद उनके पुनर्वास के लिए विशेष योजनाएं तैयार की जाएंगी, ताकि वे समाज में मुख्यधारा से जुड़ सकें और अपराध की दुनिया से दूर रहें।
राज्य सरकार की मंशा
राज्य सरकार का मानना है कि बंदी जेल सुधार अधिनियम के लागू होने से कैदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा और जेलों की वर्तमान स्थिति में सुधार होगा। यह कदम कैदियों के पुनर्वास के साथ-साथ जेल स्टाफ की कार्यप्रणाली को भी अधिक पारदर्शी और मानवतावादी बनाने में सहायक होगा।
जेल सुधार पर सरकार की सख्ती
इस अधिनियम के तहत जेल प्रशासन को भी नई जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होगा। राज्य सरकार ने जेल सुधार की दिशा में यह कदम उठाकर स्पष्ट संदेश दिया है कि वह कैदियों के अधिकारों के प्रति गंभीर है और जेलों की दुर्दशा को सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है।
अगले चरण में क्या होगा?
अब राज्य के सभी जेलों में इस अधिनियम को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा, और इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रशासनिक स्तर पर भी बदलाव किए जाएंगे। राज्य सरकार का यह निर्णय जेलों में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक पहल है, जिससे प्रदेश की जेल व्यवस्था में नयापन देखने को मिलेगा।
इससे जेलों में न केवल कैदियों की स्थिति में सुधार होगा, बल्कि प्रदेश में जेल सुधार के नए आयाम स्थापित होंगे।